महाराष्ट्र सियासी संकटः आज पार्टी की अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगे उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में चल रहे संकट के बीच शिवसेना ने शुक्रवार को जिला अध्यक्षों और मुख्य जिला समन्वयकों सहित पार्टी नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई है. इसे विश्वास बहाली के कवायद के रूप में देखा जा रहा है. दोपहर 12 बजे मुंबई के शिवसेना भवन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में बैठक होगी.

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
मुंबई के शिवसेना भवन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना की एक अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
मुंबई:

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में चल रहे संकट के बीच शिवसेना ने शुक्रवार को जिला अध्यक्षों और मुख्य जिला समन्वयकों सहित पार्टी नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई है. इसे विश्वास बहाली के कवायद के रूप में देखा जा रहा है. दोपहर 12 बजे मुंबई के शिवसेना भवन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में बैठक होगी.

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "हमें चुनौती देने वाले एकनाथ शिंदे गुट को यह समझना चाहिए कि शिवसेना के कार्यकर्ता अभी सड़कों पर नहीं आए हैं. ऐसी लड़ाई या तो कानून के जरिए लड़ी जाती है या सड़कों पर. अगर जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता सड़कों पर आएंगे."

उन्होंने कहा, "एक केंद्रीय मंत्री द्वारा शरद पवार जी को धमकियां दी जा रही हैं. क्या ऐसी धमकियों को मोदी जी और अमित शाह जी का समर्थन प्राप्त है? हम (विद्रोही) विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं."

इस बीच, एकनाथ शिंदे शिवसेना पर अपनी पकड़ मजबूत करते दिख रहे हैं. उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 50 से ज्यादा होने की उम्मीद है.  शुक्रवार को और विधायकों के गुवाहाटी पहुंचने की संभावना है, जिससे महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट और गहरा गया है.

ठाकरे के लिए स्थिति गंभीर होती जा रही है क्योंकि उनके करीबी सहयोगी पाला बदल रहे हैं. नतीजतन मुख्यमंत्री के पास संख्या कम होती जा रही है.  

ऐसा लगता है कि बालसाहेब ठाकरे की विरासत एकनाथ शिंदे के विद्रोह के साथ उद्धव ठाकरे के हाथों से फिसल गई है. एकनाथ शिंदे खुद को एक सच्चा शिवसैनिक बता रहे हैं. जाहिर है कि बालासाहेब की असली विरासत को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है. गौरतलब है कि बालासाहेब ठाकरे ने शिव सेना की स्थापना की थी.

Advertisement

दिलचस्प बात यह है कि महाराष्ट्र के सतारा से शिवसेना के उप जिला प्रमुख संजय भोसले गुवाहाटी पहुंचे हैं. उन्होंने बागी नेता एकनाथ शिंदे से 'मातोश्री' लौटने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, "शिवसेना ने अपने विधायकों को बहुत कुछ दिया है. उन्हें 'मातोश्री' लौट जाना चाहिए."

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में राजनीतिक संकट एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के विधायकों द्वारा विद्रोह में शामिल होने के बाद शुरू हुआ. ये सभी बागी विधायक गुवाहाटी के एक होटल में ठहरे हुए हैं. शिंदे खेमे ने 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, जिसमें शिवसेना के 37 विधायक और नौ निर्दलीय शामिल हैं. 20 जून से गुवाहाटी के एक होटल में मौजूद बागी विधायकों ने 23 जून को शिंदे को आगे की कार्रवाई पर फैसला करने के लिए अधिकृत किया.

Advertisement

शिवसेना विधायक संजय शिरसत ने दावा किया कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) दोनों ही महाराष्ट्र से शिवसेना को राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों ने गठबंधन सहयोगियों के दुर्भावनापूर्ण इरादों के बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सूचित करने के अनगिनत प्रयास किए.

शिवसेना नेता संजय राउत ने बागी विधायकों से मुंबई लौटने और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ अपने मुद्दों पर चर्चा करने का भी आग्रह किया है. राउत ने यह भी दावा किया कि शिवसेना महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से बाहर निकलने पर विचार करने के लिए तैयार है यदि यह सभी विधायकों की इच्छा है. लेकिन उन्होंने इसके लिए एक शर्त रखी कि बागी विधायकों को सीधे सीएम उद्धव ठाकरे के साथ मुद्दों पर चर्चा करनी होगी.  

Advertisement

इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे सहित 12 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. ठाकरे गुट का कहना है कि एकनाथ शिंदे सहित 12 विधायकों ने बुधवार को विधायिका पार्टी की बुलाई बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

शिंदे के अलावा शिवसेना ने प्रकाश सुर्वे, तानाजी सावंत, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीप भुमारे, भरत गोगावाले, संजय शिरसत, यामिनी यादव, अनिल बाबर, बालाजी देवदास और लता चौधरी को अयोग्य ठहराने की मांग की है.

Advertisement

इस बीच शिंदे खेमे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर कहा है कि शिंदे ही विधायक दल के नेता हैं. एकनाथ शिंदे ने भी महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में अपनी नियुक्ति की पुष्टि की है. शिवसेना के भीतर जारी खींचतान के बीच शिंदे गुट ने यह भी कहा कि भरत गोगावाले को पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है.

दूसरी ओर, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. खड़गे ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर "मजबूत" महा विकास अघाड़ी सरकार को "अस्थिर" करने का प्रयास कर रही है. गौरतलब है कि, राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव आगामी 18 जुलाई को होना है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल ने कहा था कि उनकी पार्टी “मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मजबूती से खड़ी है.”

इस बीच बागी नेता एकनाथ शिंदे ने परोक्ष रूप से भाजपा का जिक्र करते हुए कहा कि ''एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी'' ने उनसे कहा है कि उनका फैसला ''ऐतिहासिक'' है और जब भी उन्हें उनकी जरूरत होगी वे वहां मौजूद रहेंगे.

हालांकि, भाजपा ने कहा था कि महाराष्ट्र संकट शिवसेना का आंतरिक मामला है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है.

Featured Video Of The Day
Supreme Court का ऐतिहासिक फ़ैसला, हर निजी संपत्ति पर कब्ज़ा नहीं कर सकती सरकार | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article