"ये तो BJP की...", पार्टी के अंदर दरार पर बोले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले

नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस ने इस बार नागपुर और अमरावती में चुनाव जीता है. ये दोनों सीटें एक समय पर बीजेपी का गढ़ मानी जाती थीं. यही वजह है कि बीजेपी ध्यान भटकाने के लिए ये सब कर रही है. 

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नई दिल्ली:

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने पार्टी के अंदर चल रही दरार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. नाना पटोले ने मंगलवार को कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने किसी को अपना इस्तीफा नहीं भेजा है. इस तरह की खबर निराधार है. उनके त्यागपत्र देने और पार्टी के अंदर किसी तरह की दरार की खबर सिर्फ और सिर्फ मीडिया द्वारा बनाई गई कहानी है. और मुझे पता है कि इस तरह की कहानी का मास्टरमाइंड बीजेपी है. BJP ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि वो विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस की जीत से ध्यान हटाना चाहती है. 

NDTV से खास बातचीत में पटोले ने कहा कि उन्होंने हमे कोई त्यागपत्र नहीं दिया है. इस तरह की कोई बात नहीं है. ये सिर्फ मीडिया द्वारा बनाया गया है. कांग्रेस ने इस बार नागपुर और अमरावती में चुनाव जीता है. ये दोनों सीटें एक समय पर बीजेपी का गढ़ मानी जाती थीं. यही वजह है कि बीजेपी ध्यान भटकाने के लिए ये सब कर रही है. 

बता दें कि सोमवार को सूत्रों के हवाले से खबर आ रही थी कि थोराट ने कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को 2 फरवरी को अपना त्यागपत्र भेजा था. कहा जा रहा था कि इस त्यागपत्र में थोराट ने कहा कि नाना पटोले के साथ काम करना काफी मुश्किल होता जा रहा है. पीटीआई (बगैर किसी का नाम बताए) के अनुसार पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में, थोराट ने कहा कि निर्णय लेने से पहले उनसे सलाह नहीं ली जा रही थी. 

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इससे पहले आज, थोराट ने महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया. थोराट का यह कदम उनके रिश्तेदार सुधीर तांबे और उनके बेटे सत्यजीत तांबे के निलंबन के बाद आया है.

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थोराट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका अपमान किया गया था, ताम्बे के मुद्दे पर उनके परिवार के खिलाफ बयान दिए गए और इसमें पटोले का हाथ था. 

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हालांकि, पटोले ने "गंदी राजनीति" के आरोपों से इनकार किया है. पटोले ने आगे कहा कि तांबे ने पार्टी की पीठ में छुरा घोंपा है और भाजपा अब दावा कर रही है कि सत्यजीत तांबे ने उनके समर्थन से जीत हासिल की है. सत्तारूढ़ गठबंधन ने तांबे के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था. हाईकमान के आदेश पर जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. 

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यह पूछे जाने पर कि क्या सत्यजीत तांबे की उम्मीदवारी पर थोराट के साथ कोई चर्चा हुई थी, पटोले ने कहा कि तांबे जूनियर ने पहले स्थान पर टिकट नहीं मांगा था. 

पटोले ने NDTV से कहा कि अगर उन्होंने टिकट नहीं मांगा है तो हम उन्हें कैसे टिकट दे सकते हैं. और अगर उसे टिकट लेने में दिलचस्पी थी तो उन्हें हमें बताना चाहिए था. हम तुरंत बदलाव कर सकते थे. मुझे लगता है कि परिवार के अंदर की लड़ाई को सही से संभाला जाना चाहिए ताकि यह पार्टी को प्रभावित न करे.

यह पूछे जाने पर कि क्या थोराट से फिर बात करने के प्रयास किए गए थे, पर पटोले ने कहा कि वह पहले ही कोशिश कर चुके हैं और आज रात वो इस मसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी बात करेंगे.

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