उद्धव ठाकरे से मुलाकात में एनसीपी और कांग्रेस को एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र सीएम बनाने का सुझाव दिया : सूत्र

Maharashtra Political Crisis : बुधवार को फेसबुक संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कहा, "मैं अपना इस्‍तीफा तैयार रख रहा हूं. आइए और मुझे बताइए कि क्‍या आप चाहते हैं कि मैं पद छोडूं.मैं कुर्सी पकड़ कर बैठने वालों में से नहीं हूं. " 

विज्ञापन
Read Time: 27 mins

Maharashtra Crisis : महाराष्ट्र में खतरे में सीएम उद्धव ठाकरे की सरकार

मुंबई:

Maharashtra Crisis :  महाराष्ट्र में शिवसेना के भीतर बगावती सुर तेज होने के बीच बुधवार को नई कवायद सामने आई.  सूत्रों का कहना है कि उन्होंने उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर नया फार्मूला दिया. माना जा रहा है कि पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बना दिया जाए तो इस पर कोई आपत्ति नहीं है. शरद पवार और कांग्रेस ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को महाराष्ट्र सीएम बनाने का सुझाव दिया है.सूत्रों का कहना है कि एनसीपी और कांग्रेस ने कहा है कि एकनाथ शिंदे को अगर मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो उन्हें ऐतराज नहीं है. हालांकि फैसला उद्धव ठाकरे को करना है. ये भी बताया जा रहा है कि गुवाहाटी गए शिवसेना के 17 विधायक वापस आने को तैयार हैं. वो एनसीपी और कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं के संपर्क में हैं. अघाड़ी के नेताओं का कहना है कि जिस ढंग से धक्कामुक्की करके सूरत से विमान में बिठाया गया और बरगला कर सूरत ले जाया गया. तभी से उम्मीद थी कि इनमें से ज्यादतर वापस आएंगे. 

इस बीच, शिवसेना के जो तीन और विधायक और एक निर्दलीय विधायक गुवाहाटी पहुंचे हैं, उनमें से एक योगेश कदम हैं, जो दपोली सीट से शिवसेना विधायक हैं. वो रामदास कदम के बेटे हैं. जबकि निर्दलीय विधायक का नाम चंद्रकांत निंबा पाटिल हैं, जो जलगांव से विधायक हैं. इससे शिवसेना की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इससे पहले, महाराष्‍ट्र में सियासी संकट को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने चुप्‍पी तोड़ी.अपनी पार्टी शिवसेना में तेज होती बगावत के बीच अपने भावुक संदेश में मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वे अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.

बुधवार को फेसबुक संबोधन में उन्‍होंने कहा, "मैं अपना इस्‍तीफा तैयार रख रहा हूं. आइए और मुझे बताइए कि क्‍या आप चाहते हैं कि मैं पद छोडूं.मैं कुर्सी पकड़ कर बैठने वालों में से नहीं हूं. " ठाकरे ने कहा, "जब सरकार बनी थी तब भी पवार साहेब (Sharad Pawar) ने मुझे कहा था कि मैं चाहता हूं कि सरकार को तुम ही चलाओ. पवार ने भी मुझ पर भरोसा जताया है लेकिन अगर मेरे लोग ही मेरे पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं तो मैं क्या हूं. सूरत और कहीं और जाकर बात करने से अच्छा था कि वो मेरे पास आकर बात करते और मुझे कहते कि आप मुख्यमंत्री मत रहिए. तो मैं इसे ज्यादा बेहतर समझता. अगर एक भी विधायक कहता है कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहिए तो मैं आज के आज में इस्तीफा दे दूंगा. मैं कोई कुर्सी पकड़कर बैठने वाला आदमी नहीं हूं लेकिन ये कहना है कि यह हमारी शिवसेना नहीं है, ये गलत है." इस बीच, महाराष्‍ट्र सरकार पर मंडराते संकट के बीच एनसीपी सुप्रीमों ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है. उनके साथ उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी थीं. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे भी गुवाहाटी से प्रेस कान्फ्रेंस कर उद्धव ठाकरे की बातों का जवाब दे सकते हैं. 

Advertisement

उद्धव ने जोर देकर कहा कि शिवसेना कभी भी हिंदुत्‍व को नहीं छोड़ेगी. उन्‍होंने कहा कि हिंदुत्‍व हमारी पहचान है. मैं ऐसा पहला सीएम हूं तो हिंदुत्‍व पर बात करता हूं. उन्‍होंने कहा कि महाराष्‍ट्र कोविड महामारी के प्रकोप से जूझ रहा था. सीएम के तौर पर मैं जिस तरह कोविड पर नियंत्रण कर पाया, वह आपके समर्थन से संभव हुआ.उन्‍होंने कहा, "मुझ पर लोगों/पार्टी जनों से नहीं मिलने के आरोप लगाए गए. जहां तक लोगों से न मिलने की बात है तो इसका कारण यह था कि मैं अस्‍वस्‍थ था और इस कारण लोगों से मिल नहीं पा रहा था. ऐसा नहीं है कि मेरे अस्‍वस्‍थ्‍य नहीं रहने के दौरान प्रशासनिक काम नही हो रहा था वह चल रहा था." उद्धव ने कहा, "लोग कहते हैं कि यह बाला साहेब की शिवसेना नहीं रही मैं पूछता हूं क्‍या फर्क है. यह अभी भी पहले वाली ही शिवसेना है. " 

Advertisement

उद्धव ने कहा, "2014 में जब हमने चुनाव लड़ा और 68 विधायक जब जीतकर आए थे तो भी बाला साहेब की ही शिवसेना थी. मैं खुद ढाई साल से मुख्यमंत्री हूं. अब सवाल है कि राज्य में फिलहाल क्या चल रहा है. शिवसेना के विधायक खुद पहले सूरत गए, फिर वहां से गुवाहाटी गए. कुछ जा रहे हैं कुछ आ रहे हैं. मैं इस पर बात नहीं करना चाहता हूं. विधान परिषद चुनाव से पहले भी हमें अपने विधायकों को अपने साथ रखना पड़ रहा है. ये कौन सा लोकतंत्र है. हमे अपने लोगों के पीछे ही घूमना पड़ रहा है ये कहां से सही है. क्या आपकी कोई जवाहदेही नहीं है. मैंने शिवसेना प्रमुख को जो वचन दिया कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा मैं उसे पूरा करूंगा."बीजेपी के साथ पार्टी का गठबंधन टूटने पर कहा कि  हमें ढाई साल पहले अलग राह पकड़नी पड़ी, कांग्रेस और एनसीपी के साथ आना पड़ा. शरद पवार ने भी मुझ पर भरोसा किया लेकिन जब मेरे लोग ही मुझ पर भरोसा नहीं कर रहे तो मैं क्‍या करूं. मैं अब भी उन्‍हें अपना मानता हूं. 

Advertisement

* महाराष्ट्र के सियासी मैदान में चल रहा आंकड़ों का खेल, 10 बातों में समझें इस समीकरण को
* बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आखिर कैसे द्रौपदी मुर्मू को समर्थन किया?
* UP में बुलडोज़र की कार्रवाई कानूनी, सुप्रीम कोर्ट में योगी आदित्यनाथ सरकार का हलफ़नामा

Advertisement

"मुझे किडनैप किया गया था": सूरत से भागकर वापस लौटने वाले शिव सेना विधायक बोले