महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को अजित पवार का महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन में गर्मजोशी से स्वागत किया. अजित पवार ने दावा किया है कि पूरी एनसीपी उनके साथ है. हालांकि शिंदे द्वारा किया गया यह स्वागत उनके पुराने बयान के ठीक विपरीत था. शिंदे की पार्टी ने अप्रैल में धमकी दी थी कि अगर अजित पवार गठबंधन में शामिल होते हैं तो वे सरकार छोड़ देंगे.
शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने 19 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इस बारे में हमारी नीति स्पष्ट है. एनसीपी एक ऐसी पार्टी है जो धोखा देती है. हम सत्ता में भी एनसीपी के साथ नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा राकांपा को अपने साथ ले जाती है, तो महाराष्ट्र इसे पसंद नहीं करेगा. हमने (उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पूर्व अविभाजित शिवसेना से) बाहर निकलने का फैसला किया था क्योंकि लोगों को हमारा कांग्रेस और राकांपा के साथ जाना पसंद नहीं था.
उन्होंने कहा था कि अजित पवार को वहां (एनसीपी में) खुली छूट नहीं है. इसलिए, अगर वह एनसीपी छोड़ते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे. अगर वह एनसीपी (नेताओं) के एक समूह के साथ आते हैं, तो हम सरकार में नहीं होंगे. वहीं रविवार को मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि "अब डबल इंजन सरकार के पास ट्रिपल इंजन है. राज्य तेजी से (विकास के पथ पर) दौड़ेगा. अब हमारे पास एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं. इससे राज्य के तेजी से विकास में मदद मिलेगी.
गौरतलब है कि देवेन्द्र फड़नवीस और अजित पवार के रिश्ते अच्छे रहे हैं. 2019 में भी दोनों ने मिलकर सरकार बनाने का प्रयास किया था. दोनों के अच्छे रिश्ते मुख्यमंत्री शिंदे के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं.
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