महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने हिंदुत्व और बाल ठाकरे की विचारधारा को 'त्यागने' के लिए सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट पर जमकर हमला बोला. उन्होंने लोकसभा में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया. शिवसेना के शिंदे गुट ने मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया है.
कल्याण से लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अपने गठबंधन का नाम बदलकर 'INDIA' रख लिया, क्योंकि 'UPA' भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया था. उन्होंने कहा, "यह सिर्फ NDA बनाम 'INDIA' नहीं है, बल्कि योजना बनाम घोटाला है."
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए, शिंदे ने कहा कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने मतदाताओं को धोखा दिया, क्योंकि वे 2019 में भाजपा के साथ चुनाव में गए थे, लेकिन बाद में गठबंधन टूट गया.
शिंदे ने कहा, "2019 में लोगों ने शिवसेना और बीजेपी को एक साथ जनादेश दिया. लेकिन ऐसी स्थिति पैदा की गई. उन्हें लगा कि मुझे मुख्यमंत्री बनना चाहिए. उन्हें बालासाहेब की विचारधारा, हिंदुत्व विचारधारा की परवाह नहीं थी. उन्होंने हिंदुत्व विचारधारा को बेच दिया और बालासाहेब की विचारधारा से दूर कदम बढ़ा दिए."
उन्होंने कहा, "किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि शिवसेना का कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा. जिन लोगों ने यह सरकार बनाई, उन्होंने मतदाताओं को धोखा दिया. उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ भी गठबंधन किया, जिसने 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाई. तब स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे."
सांसद ने कहा कि महाराष्ट्र में लोगों को हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका गया. "मैं पूरी हनुमान चालीसा जानता हूं.." और इसके बाद उन्होंने चालीसा पाठ करना शुरू कर दिया. हालांकि, उन्होंने इसे पूरा नहीं किया, क्योंकि अध्यक्ष ने उन्हें अपना भाषण जारी रखने के लिए कहा.
बता दें कि पिछले साल महाराष्ट्र में उस समय विवाद खड़ा हो गया था, जब अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को 23 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. दंपति ने घोषणा की थी कि वे मुंबई में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे.
भाजपा ने शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की तत्कालीन एमवीए सरकार के खिलाफ हनुमान चालीसा का सार्वजनिक पाठ भी आयोजित किया था. एकनाथ शिंदे द्वारा उनके खिलाफ विद्रोह करने और भाजपा से हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे ने पद से इस्तीफा दे दिया था.
शिंदे ने कहा कि विपक्ष 2018 में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 2019 में अधिक सांसदों के साथ सत्ता में वापस आया. उन्होंने कहा, ''आज एक बार फिर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है, इस बार एनडीए 400 के पार जाएगा.''
विपक्षी गठबंधन के नए नाम पर शिंदे ने कहा, "उन्होंने यूपीए का नाम बदलकर 'INDIA' कर दिया. उन्हें लगता है कि लोग उनका समर्थन करेंगे. उन्होंने नाम बदल दिया है, क्योंकि यूपीए लोगों को घोटालों, भ्रष्टाचार, आतंकवादी हमलों और रिमोट कंट्रोल सरकार की याद दिलाता है."
उन्होंने कहा, "वे सभी एक व्यक्ति के खिलाफ इकट्ठे हुए हैं. उनके पास कोई नेता या नीति नहीं है. यहां हर नेता प्रधानमंत्री बनना चाहता है, क्योंकि इस टीम के पास कोई कप्तान नहीं है."