'दमघोंटू हवा' से बिगड़ रही मुंबईकरों की सेहत, CM शिंदे की बैठक में कृत्रिम बारिश करवाने पर विचार

हवा में ज़्यादा मात्रा में धूल ख़ासतौर से शारीरिक रूप से कमज़ोर वर्ग को एक-एक महीने तक की लंबी खांसी का शिकार बना रहा है. प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों में इन मरीज़ों की बढ़ी संख्या से डॉक्टर भी चिंतित हैं.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
मुंबई:

मुंबई की दमघोंटू हवा में प्रदूषण स्तर थोड़ी सुधरने के बाद फिर से बिगड़ गई. हालांकि वायु प्रदूषण पर काबू करने की कवायद लगातार जारी है. प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक विशेष बैठक की. साथ ही बीएमसी के कामों का जायजा भी लिया और नए आदेश दिये. मुंबईकरों की परेशानी सुनने के लिए छोटा जनता दरबार भी लगाया गया. इधर डॉक्टर भी मुंबईकरों की बिगड़ी सेहत को लेकर चिंतित हैं.

मंगलवार तड़के मुख्यमंत्री शिंदे ने लंबे समय से ‘मध्यम' श्रेणी में चल रहे प्रदूषण को कम करने के लिए बीएमसी के अभियान का जायज़ा लिया. उन्होंने सफ़ाई कर्मचारियों के साथ चाय पी और मुंबईकरों की परेशानी सुनने के लिए मीडिया की मौजूदगी में छोटा जनता दरबार भी लगाया.

मुंबई में इन दिनों सुबह-दोपहर-शाम हर वक़्त धुंध जमा है, हर तरफ़ स्मॉग का घेरा है. बताया जाता है कि महानगर के इस प्रदूषण में 70% धूल की हिस्सेदारी है. इसीलिए हवा में लगातार एंटी स्मॉग गन चलाये जा रहे हैं. वहीं 584 सड़कों को ऐसे 121 पानी के टैंकरों के ज़रिए हर रोज धोया जा रहा है. सीएम ने कहा कि इसमें और 1000 टैंकर लगाए जाएंगे. साथ ही कृत्रिम बारिश भी करवायी जाएगी. इसके लिए दुबई की एक कंपनी से बात चल रही है.

एक हजार टैंकरों को किराए पर लेने के निर्देश- सीएम शिंदे
सीएम शिंदे ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में मुंबई में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. इसीलिए एमएमआरडीए, आयुक्त और अन्य लोगों के साथ एक विशेष बैठक की. मैंने आयुक्त से एक हजार टैंकरों को किराए पर लेने के लिए कहा है. साथ ही वैकल्पिक दिनों में सड़कों को साफ किया जाए और धूल हटाई जाए. हमने एंटी स्मॉग गन, जेटिंग मशीन का भी इस्तेमाल किया है. मैं देख सकता हूं कि निगम कर्मचारी आज सड़कों पर हैं और काम कर रहे हैं. क्लाउड सीडिंग भी करवाएंगे."

इधर हवा में ज़्यादा मात्रा में धूल ख़ासतौर से शारीरिक रूप से कमज़ोर वर्ग को एक-एक महीने तक की लंबी खांसी का शिकार बना रहा है. प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों में इन मरीज़ों की बढ़ी संख्या से डॉक्टर भी चिंतित हैं. बीएमसी के सायन अस्पताल में भर्ती ज़्यादातर मरीज़, प्रदूषण वाली बीमारियों से ग्रसित हैं.

सायन हॉस्पिटल के सांस रोग विशेषज्ञ डॉ एनटी अव्हाड ने कहा, "इन दिनों खांसी और एलर्जी के मरीज़ काफी बढ़ गए हैं, एक-एक महीने की लंबी खांसी लेकर आ रहे हैं. प्रदूषण की वजह से इसका परिणाम बढ़ रहा है और सबसे ज़्यादा तकलीफ़ कमज़ोर वर्ग जैसे अस्थमा, टीबी और ब्रोंकाइटिस मरीज़ को है."

जिन बिल्डरों और कांट्रेक्टर की कंस्ट्रक्शन साइट पर नियमों की अनदेखी हो रही है, पहले उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है और फिर भी नहीं मानने पर बिल्डर के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने के आदेश भी दिए गए हैं.

Featured Video Of The Day
Saif Ali Khan Case में उठते सवालों का जवाब कब देगी Mumbai Police? NDTV Election Café