पर्चे के साथ तेज हुए चर्चे! सिद्दीकी, ठाकरे, मलिक... महाराष्ट्र में नामांकन के दौरान उम्मीदवारों का शक्ति प्रदर्शन

महाराष्ट्र में सीटों पर सस्पेंस जैसे-जैसे ख़त्म हो रहा है, राजनीतिक गतिविधियों में ना सिर्फ़ तेजी आई है, बल्कि प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव भी दिख रहे हैं.

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मुंबई:

महाराष्ट्र में कल यानी मंगलवार को नामांकन की आख़िरी तारीख़ है और उससे पहले सोमवार को प्रमुख नेताओं ने पर्चे भरे. बारामती सीट को जहां पवार परिवार ने फिर दिलचस्प बना दिया है, तो मानख़ुर्द सीट भी खूब चर्चा में है. कोई किंगमेकर बनने का दावा कर रहा है तो कोई वोट जिहाद की राजनीति का आरोप लगा रहा है. नामांकन की शक्ति प्रदर्शन रैलियों में हाई-वोल्टेज बयान खूब गूंजे.

इस वक्त महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई है. नामांकनों की कतार में सबसे प्रमुख रहे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, ठाणे में महारैली करते हुए कोपरी पाचपाखाड़ी से अपना पर्चा भरा.उन्हें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फ़डणवीस का साथ मिला. वहीं बारामती सीट को पवार परिवार ने फिर से दिलचस्प बना दिया. लोकसभा में भाभी-ननद के बाद विधानसभा में चाचा भतीजा मैदान में हैं. उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने बारामती सीट से उम्मीदवारी भरी है.

बारामती सीट पर अजित पवार का मुकाबला भतीजे युगेंद्र पवार से है. एनसीपी शरद पवार गुट ने युगेंद्र पवार को यहां से टिकट दिया है. पहली बार चुनावी रण में आये युगेंद्र अजित पवार के भाई श्रीनिवास के बेटे हैं. भतीजे से मुकाबले को लेकर अजित पवार ने कहा कि हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. बारामती से वो अच्छे वोटों से जीतेंगे.

हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. बारामती से मैं अच्छे वोटों से जीतूंगा.

अजित पवार

उपमुख्यमंत्री

ज़ीशान सिद्दीक़ी ने मुंबई के बांद्रा ईस्ट से भरा पर्चा
अजित पवार गुट के दो अहम उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल किए. कड़े सुरक्षा घेरे के बीच ज़ीशान सिद्दीक़ी मुंबई के बांद्रा ईस्ट से पर्चा दाखिल करने के लिए पदयात्रा रैली करते पहुंचे. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि पिता के बिना ये चुनाव कठिन है, लेकिन जनता का प्यार उनकी ओर है.

पिता के बिना चुनाव कठिन है. आज सुबह उनसे मन में बात की. चुनौती नहीं है. सबका प्यार मेरी ओर है.

ज़ीशान सिद्दीक़ी

एनसीपी उम्मीदवार

अजित पवार गुट से ही पूर्व मंत्री नवाब मलिक के गढ़ अणुशक्ति नगर से उनकी बेटी सना मलिक चुनावी मैदान में उतारी गई हैं. पिता जेल में थे तो बेटी ने ही इस क्षेत्र को सम्भाला. पर्चा भरने पिता के साथ निकलीं. महायुति गठबंधन में तो हैं लेकिन बीजेपी का समर्थन नहीं है. नवाब मलिक ने कहा कि किंग मेकर तो अजित पवार ही होंगे.

यात्रा में बीजेपी का झंडा नहीं होने को लेकर नवाब मलिक ने कहा कि इसकी ज़रूरत नहीं है. अजित दादा ही काफ़ी हैं. वहीं महाविकास अघाड़ी में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकता.

इधर, बीजेपी के विरोध के बावजूद नवाब मलिक ने मानखुर्द शिवाजी नगर से चुनाव लड़ने और जीतने का दावा किया है.

मैं मानखुर्द शिवाजी नगर से पर्चा भरूंगा. मुझे परवाह नहीं है कि कौन मेरा विरोध कर रहा है, जनता मेरा समर्थन कर रही है और मैं चुनाव लड़ूंगा.

नवाब मलिक

एनसीपी नेता

नवाब मलिक के ऐलान के बाद साफ है कि मानखुर्द शिवाजी नगर से मौजूदा विधायक अबू आजमी की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. पर्चा भरने के लिए निकले अबू आजमी ने अपनी रैली में एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर मुसलमानों के वोट काटने के लिए नवाब मलिक बीजेपी द्वारा भेजे हुए हैं. 

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नवाब मलिक बीजेपी के भेजे हुए हैं. उन्हें पता है आजाद उम्मीदवार के तौर पर लड़ेंगे तो मुसलमान वोट देंगे. बीजेपी को पता है कि मुस्लिम उन्हें वोट नही देंगे तो इसलिए बीजेपी मुसलमानों को बांट रही है.

अबु आसिम आज़मी

महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष

इस चुनाव में राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे का नामांकन भी चर्चा का विषय बना हुआ है, जो युवा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने का प्रयास कर रहे हैं. समर्थकों की अच्छी ख़ासी भीड़ के बीच अमित ठाकरे ने भी माहिम दादर सीट से अपना नामांकन भरा.

सीटों पर सस्पेंस जैसे-जैसे ख़त्म हो रहा है, राजनीतिक गतिविधियों में ना सिर्फ़ तेजी आई है बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव भी दिख रहे हैं. वैसे ये तो सिर्फ़ झांकी है पूरी पिक्चर अभी बाक़ी है.

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