कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) कब आएगी और इसका बच्चों पर क्या असर पड़ेगा, इसको लेकर अभी अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की बच्चों पर भारी पड़ती दिख रही है. महाराष्ट्र में तो पिछले 60 दिनों (अप्रैल-मई) में ही 99 हजार से ज्यादा बच्चे कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं. इन बच्चों की उम्र 1 से 10 साल के बीच है. जबकि 2021 के शुरुआती तीन महीनों में महाराष्ट्र में 30 हजार से कम बच्चे ही कोरोना संक्रमित हुए थे. यानी अप्रैल-मई में बच्चों में संक्रमण जनवरी-मार्च के मुकाबले तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया.
15 घंटे का नवजात कोरोना पॉजिटिव और मां की कोविड रिपोर्ट आई निगेटिव, डॉक्टर हैरान
महाराष्ट्र में 60 दिनों में 10 साल तक के 99,006 बच्चे पॉज़िटिव मिले हैं. जबकि जनवरी से अब तक 1,28,827 बच्चे पॉज़िटिव पाए गए. देखा जाए तो अप्रैल-मई में बच्चों के संक्रमण में 332% की बढ़ोतरी हुई. यही नहीं बच्चों की हालत कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादा गंभीर हो रही है. चार साल का एक मासूम 7 दिनों से वेंटिलेटर पर है, एंटीबॉडी पॉज़िटिव है, तीन दिन के बुख़ार में ही हालत बेहद नाज़ुक हुई, स्पर्श चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम बचाने की मुहिम में जुटी है.डॉक्टरों का कहना है कि तीन दिनों में बच्चे की हालत इतनी ज्यादा बिगडऩा हैरान करने वाला है. अकेले अहमदनगर में ही करीब 10 हजार बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं. मुंबई में मई में 9 साल तक के 9 बच्चों की मौत हुई है.
बच्चे के पिता मोहम्मद मुनीर का कहना है कि जांच में पता चला कि मेरे बच्चे के फेफड़े पर बहुत प्रभाव पड़ा है. इससे बच्चा सांस नहीं ले पा रहा था. अगले दिन ही फ़ौरन बच्चा वेंटिलेटर पर चला गया. हालत बहुत ख़राब थी,डॉक्टर बोल रहे थे कि इसकी जान बचाना मुश्किल है. लेकिन डॉक्टर की टीम, डॉक्टर शाह और डॉ इरफ़ान अली ने मेरे बच्चे की बहुत देखभाल की और अब काफी सुधार है. पेडियाट्रिक विशेषज्ञ डॉ इरफ़ान अली ने कहा कि बच्चा अभी भी काफ़ी क्रिटिकल है. हैरान करने वाली बात ये है कि बच्चा तीन दिन की तकलीफ़ के बाद ही सीधे वेंटिलेटर पर चला गया. माता पिता के लिए संदेश ये है कि वे बच्चों के लक्षण पर ध्यान दें. सांस लेने में तकलीफ़ और हाईग्रेड फ़ीवर है, बच्चा सुस्त और कमजोरी महसूस कर रहा है तो डॉक्टर को दिखाएं ताकि इतनी ज्यादा हालत न खराब हो.
अप्रैल में 51,648 और मई में 47,358 बच्चे संक्रमित हुए हैं. मई में कोविड पॉज़िटिव मिले 10,494 बच्चे चार साल से कम उम्र के हैं. जबकि बीते साल की पहली कोविड लहर में कुल 67110 बच्चे संक्रमित हुए थे. इस साल सिर्फ़ पांच महीनों में ही 1,28,827 बच्चे पॉज़िटिव हो चुके हैं, जो पिछले साल से करीब दोगुना हैं. फोर्टिस अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट और पेडियाट्रीशियन डॉ जेसल सेठ ने कहा, '2020 और 2021 को तुलना करें तो इस साल बच्चों में वयस्क वाले लक्षण और दिक़्क़तें दिख रही हैं, निमोनिया हुआ है, अस्पताल में न सिर्फ़ भर्ती करना पड़ा है बल्कि उनको ICU मॉनिटरिंग की भी ज़रूरत पड़ी है. किसी को फेफड़े में दिक्कत हुई तो किसी के गले में बड़ी बड़ी गांठ हो गई है. किसी को हार्ट पर असर हुआ है. वयस्क की तरह बच्चों में भी लेट कोविड कॉम्प्लिकेशन दिख रहे हैं.'
महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले में सिर्फ़ मई में 1-18 साल के 9,928 बच्चे-किशोर संक्रमित हुए हैं.ज़िले में बच्चों के लिए कोविड वॉर्ड बनने लगे हैं. अहमदनगर जिले के सिविल सर्जन डॉ. सुनिल पोखर्णा ने कहा,‘अहमदनगर में दो महीनों में ओवरऑल पॉजिटिविटी ज़्यादा थी,बच्चों में 8-10% पोज़िटिवीटी रेट था इसमें कोई गम्भीर केसस नहीं थे, दरअसल इस बार पूरी की पूरी फ़ैमिली पॉज़िटिव हो रही है इसलिए बच्चों की संख्या भी बढ़ी. 1-18 की उम्र वाले एप्रिल में 7,760 कोविड मरीज़ थे, तो
मई में 9,928 संख्या रही.' लेकिन क़रीब 95% बच्चे कम या ना के बराबर लक्षण वाले बताए जाते हैं जिनका घर पर ही इलाज हो रहा है, लेकिन अस्पताल और ICU-वेंटिलेटर की दरकार वाले बच्चों की संख्या में इस बार इज़ाफ़ा हुआ है.एक्सपर्ट बच्चों के लिए फ़्लू के इंजेक्शन की सलाह दे रहे हैं ताकि बदलते मौसम में कोविड के लक्षण उलझन में ना डाले.