उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के बाद लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में सीटों के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र (Maharashtra) है, जहां 48 लोकसभा सीटे हैं. महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र की 10 लोकसभा सीटों में से 5 सीटों - नागपुर, रामटेक, भंडारा, चन्द्रपुर, गढ़चिरौली में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ. इन 5 सीटों पर 97 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीट नागपुर है, जहां से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) चुनाव मैदान में हैं.
महाराष्ट्र के विधर्व क्षेत्र की पांच सीटों पर करीब साढ़े 95 लाख मतदाता हैं. विदर्भ क्षेत्र की नागपुर सीट महाराष्ट्र की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक है, क्योंकि यहां से भाजपा के दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तीसरी बार भाजपा के प्रत्याशी हैं. गडकरी परिवार सहित मतदान करने पहुंचे और उन्होंने बड़ी जीत का दावा किया.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में मतदान करने वाले शुरुआती मतदाताओं में से एक थे. भागवत ने कहा कि मतदान हमारी जिम्मेदारी और अधिकार दोनों हैं. हम अगले पांच सालों के लिए अपने देश का भविष्य तय करते हैं. इसलिए आज सबसे पहले मैंने मतदान किया.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उनकी पत्नी अमृता फडणवीस ने वोट डाला तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर में भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने गोंदिया स्थित एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला.
दुनिया की सबसे छोटे कद की महिला की अपील
लोगों से वोट डालने की अपील करने वाले ख़ास चेहरों में नागपुर में बसने वाली दुनिया की सबसे छोटे कद की महिला ज्योति आमगे भी शामिल रहीं. आमगे ने कहा कि मैंने आज अपने पूरे परिवार के साथ मतदान किया है. मैं हर मतदाता से अपील करना चाहती हूं कि वोट जरूर डालें क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है.
विदर्भ की जिन पांच लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ उनमें — चंद्रपुर, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर, रामटेक और नागपुर शामिल हैं.
2019 के चुनाव में पांच में से चार सीटें भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने और एक सीट कांग्रेस ने जीती थी.
इस साल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार मैदान में मजबूत उम्मीदवार हैं.
नागपुर में गडकरी बनाम ठाकरे की लड़ाई
नागपुर सीट पर गडकरी बनाम ठाकरे है. कांग्रेस ने गडकरी के सामने विकास ठाकरे को उतारा है. वर्तमान में विधायक हैं, मेयर रह चुके हैं.
चंद्रपुर सीट पर कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन उसके सांसद सुरेश धानोरकर के असामयिक निधन के बाद कांग्रेस ने उनकी पत्नी प्रतिभा धानोरकर को टिकट दिया है. जिनका मुकाबला भाजपा के कद्दावर नेता सुधीर मुनगंटीवार से है.
गढ़चिरौली सीट का बड़ा हिस्सा माओवादी नक्सलवाद से प्रभावित रहा है. यहाँ तीसरी बार भाजपा द्वारा उम्मीदवार बनाए गए अशोक नेते की टक्कर कांग्रेस के डा. नामदेव किरसान से है.
25 साल बाद कांग्रेस ने उतारा उम्मीदवार
भंडारा-गोंदिया सीट से मैदान में हैं भाजपा के वर्तमान सांसद सुनील मेंढ़े और कांग्रेस के नए प्रत्याशी प्रशांत पडोले. कांग्रेस को 25 साल बाद इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारने का मौका मिला है. यहां से कई बार के सांसद रहे प्रफुल्ल पटेल एनसीपी- भाजपा गठबंधन के कारण बीजेपी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं.
वहीं रामटेक सीट में इस बार दोनों मुख्य प्रत्याशी नए हैं. शिवसेना—शिंदे गुट के हिस्से में गई इस सीट से उसने कांग्रेस छोड़कर आए इसी क्षेत्र की एक सीट से विधायक राजू पारवे को टिकट दिया है. अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इस सीट से कांग्रेस ने श्यामसुन्दर बर्वे को उतारा है.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके कई कैबिनेट सहयोगियों ने विदर्भ के इन उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया, जबकि कांग्रेस उम्मीदवारों का प्रचार मुख्य रूप से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी करते दिखे. देखते हैं कि महायुति-महाविकास आघाड़ी के इस महा-युद्ध में महाराष्ट्र क्या फैसला करता है.
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