महाराष्ट्र सरकार में 'अपने' ही नाराज, कांग्रेस के कई विधायकों के मतभेद के बाद गरमाई सियासत

इन दिनों महाविकास आघाड़ी में फंड वितरण को लेकर मतभेद है. कांग्रेस के साथ शिवसेना के भी कुछ विधायकों  की शिकायत है कि राज्य सरकार मेंशामिल होने के बाद उन्हें आम जनता का काम कराने के लिए पर्याप्त फंड नही मिल रहा है. फंड वितरण में भेदभाव का आरोप भी लग रहा है. 

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
कांग्रेस के कई विधायकों के मतभेद के बाद गरमाई सियासत (प्रतीकात्मक फोटो)
मुंबई:

महाराष्ट्र में सियासत गरमाई हुई है. ऐसी खबर है कि कांग्रेस के 22 विधायक अपनी ही पार्टियों के मंत्रियों और प्रदेश नेतृत्व से नाराज हैं और सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा है. विधायकों की नाराजगी है कि उनके अपने मंत्री और वरिष्ठ पदाधिकारी उनकी बात राज्य सरकार के सामने ठीक से नही रख पा रहे हैं, इससे आम जनता का काम कराने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं. 

हालांकि, इस पत्र की अभी पुष्टि नही हुई है. लेकिन इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू कर दी है. 30 मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा पत्र उसी का हिस्सा बताया जा रहा है. नाना पटोले ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कॉमन मिनिमम प्रोगाम की याद दिलाई है. 

'चुप हो जा, अब आगे से पूछेगा तो..' : जब पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के सवाल को ले पत्रकार पर भड़के रामदेव

Advertisement

नाना ने लिखा है कि 2019 में सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में आने से रोकने के लिए और समाज के सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए तीनों दलों कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की महाविकास अघाड़ी बनाई गई .सोनिया गांधी के सुझाव पर प्रदेश कांग्रेस ने महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल होने का फैसला किया था और एक कामन मिनिमम प्रोग्राम तय किया गया था. लेकिन कोरोना काल के कारण पिछले तीन वर्षों से इस सीएमपी को लागू करना संभव नहीं हो पाया है. पर अब कोरोना संकट खत्म हो गया है, इसलिए सीएमपी को फिर से लागू किया जाना चाहिए. हम आपसे दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए योजनाएं तैयार करने और उन्हें लागू करने का आग्रह करते हैं. नाना ने लिखा है कि हम उम्मीद करते हैं कि आप इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे.

Advertisement

गौरतलब है कि इन दिनों महाविकास आघाड़ी में फंड वितरण को लेकर मतभेद है. कांग्रेस के साथ शिवसेना के भी कुछ विधायकों  की शिकायत है कि राज्य सरकार में शामिल होने के बाद उन्हें आम जनता का काम कराने के लिए पर्याप्त फंड नही मिल रहा है. फंड वितरण में भेदभाव का आरोप भी लग रहा है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- 

'यदि PM मोदी मध्यस्थता पर विचार करते हैं तो स्वागत करेंगे' : NDTV से बोले यूक्रेन के मंत्री

बीजेपी विचारधारा के आधार पर चुनाव जीतना चाहती है, विपक्षियों के खिलाफ हिंसा फैलाकर नहीं : अमित शाह

Featured Video Of The Day
Amit Shah Speech: Operation Sindoor पर बोल रहे थे गृहमंत्री Shah, Akhilesh ने टोका तो ऐसे दिया जवाब
Topics mentioned in this article