चुटकियों में पता चल जाएगा महाकुंभ में कैसा है मौसम, कब होगी बारिश और कब निकलेगी धूप

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने महाकुंभ के लिए मौसम संबंधी एक वेबपेज तैयार किया है. इस वेबपेज पर जाकर महाकुंभ जानेवाले लोग आसानी से वहां के मौसम की जानकारी ले सकते हैं और उस हिसाब से अपनी तैयारी कर सकते हैं.

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आईएमडी ने अगले दो से तीन दिनों में प्रयागराज में बादल छाए रहने का अनुमान जताया है.
प्रयागराज:

मकर संक्रांति के पावन दिन संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है. महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के मौके पर आज 1.50 करोड़ से अधिक लोगों ने आस्था की डूबकी लगाई है. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने महाकुंभ के लिए मौसम संबंधी जानकारी देने के लिए एक समर्पित वेबपेज तैयार किया है. इस वेबपेज से महाकुंभ जाने वाले लोग आसानी से वहां के मौसम की जानकारी ले सकते हैं.  महाकुंभ के लिए तैयार किए गए विशेष वेबपेज पर तापमान, वायु की गति और दिशा, आर्द्रता और वायु गुणवत्ता के बारे में जानकारी दी गई है.

आनेवाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम

यह प्रयागराज और आस-पास के शहरों अयोध्या, लखनऊ, आगरा, कानपुर और वाराणसी के लिए प्रति घंटा, तीन घंटे और साप्ताहिक पूर्वानुमान प्रदान करता है. आईएमडी ने अगले दो से तीन दिनों में प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों के आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहने और कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया है.

  • संगम तट पर महाकुंभ 2025 का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा यानी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में शुरू हुआ.
  • देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं आस्‍था की डुबकी लगा रहे हैं.
  • महाकुंभ के पहले दिन भक्तों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई.
  • महाकुंभ मेला के पहले दिन 1.60 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई.
  • आज महाकुंभ में अमृत स्नान है.
  • प्रयागराज में 45 दिवसीय महाकुंभ मेला 26 फरवरी को समाप्त होगा.
  • महाकुंभ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.

10 लाख से अधिक लोग करेंगे कल्पवास

देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आस्था की डोर में बंधे गंगा, यमुना, सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान करने करोड़ों की संख्या में आ रहे हैं. महाकुंभ की विशिष्ट परंपरा कल्पवास की भी शुरुआत हो गई है. पद्म पुराण और महाभारत के अनुसार संगम तट पर माघ मास में कल्पवास करने से सौ वर्षों तक तपस्या करने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है. विधि-विधान के अनुसार लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम तट पर केला,तुलसी और जौं रोपकर एक महा व्रत और संयम का पालन करते हुए कल्पवास की शुरुआत की है. इस वर्ष अनुमान के मुताबिक 10 लाख से अधिक लोग संगम तट पर पूरे एक माह का कल्पवास करेंगे.

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