Maha Kumbh 2025: कई सालों से हाथ ऊपर, एक पैर पर खड़े हैं साधु, आखिर कैसी है ये तपस्या

साधु रमेश पुरी ने 12 साल तक खड़े रहने का हठ किया है. इन्हें खड़ेश्वरी साधु कहते हैं. खड़ेश्वरी साधु बैठते या लेटते नहीं हैं. ये हमेशा खड़े रहते हैं. सोने के लिए एक ड्रम पर कपड़े रखकर शरीर को आराम देते हैं.

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हठयोग की असीम साधना, सालों से साधु का एक हाथ है ऊपर

प्रयागराज:

साधु-संन्यासियों की दुनिया में सबसे कड़ी साधना 'हठयोग' होती है. अपने गुरु की साधना में साधु-संन्यासी आमतौर पर 12 साल तक एक विशेष किस्म के योग करने का जो हठ करते हैं, वो हठयोग होता है. महाकुंभ में कई साधु-संन्यासी आए हुए हैं, जो हठयोगी हैं. ऐसे ही कुछ हठयोगियों से एनडीटीवी ने बात की. एनडीटीवी आवाहन अखाड़े में दो ऐसे साधु मिला, जो 12 साल के हठयोग का प्रण लेकर साधना में लीन हैं. 

हठयोग से शरीर पर पड़ा बुरा प्रभाव

साधु रमेश पुरी जी महाराज ने 12 साल तक खड़े रहने का हठ किया है. इन्हें खड़ेश्वरी साधु कहते हैं. खड़ेश्वरी साधु बैठते या लेटते नहीं हैं. ये हमेशा खड़े रहते हैं. सोने के लिए एक ड्रम पर कपड़े रखकर शरीर को आराम देते हैं. इनकी खड़े-खड़े हालत ऐसी हो गई है कि इनके पैरों पर बुरा प्रभाव पड़ा है.

इसी तरह 12 साल तक एक हाथ ऊपर रखने का हठ करने वाले साधु महाकाल गिरी जी के हाथों की नसें सूख चुकी हैं. नौ साल की तपस्या के दौरान आजतक नाखून भी नहीं काटे. अब हाथ की हड्डियां जम चुकी हैं और नाखून बेतरतीब बढ़े हुए हैं. तप ख़त्म होने के बाद भी अब ये हाथ नीचे नहीं आ सकता. ऐसे में या तो ये जीवन भर ऐसे ही रहेंगे, या इन्हें ऑपरेशन कराना होगा.

13 जनवरी से शुरू होने जा रहे महाकुंभ में महज गिनती के कुछ दिन बचे हैं. हर 12 साल में एक विशेष स्थान पर आयोजित होने वाले महाकुंभ में लाखों-करोड़ों साधु-संत और श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. मान्यता के अनुसार, कुंभ मेले में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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