मध्यप्रदेश : उज्जैन पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के मामले का किया पूरा खुलासा, नहीं किसी से कनेक्शन

उज्जैन के एसपी ने कहा है कि यूपी पुलिस का प्रेस नोट निराधार, विकास दुबे को अभिरक्षा में लेकर यूपी पुलिस के हवाले किया गया था

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कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में गिरफ्तार किया गया था.
भोपाल:

विकास दुबे की उज्जैन में गिरफ्तारी और उसके बाद यूपी एसटीएफ को सौंपने तक के मामले पर लगातार उठाए जा रहे सवालों को लेकर आज उज्जैन एसपी ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी और उन्होंने सारे राज से पर्दा उठाया. लेकिन इससे पहले आज महाकाल मंदिर के तीन सुरक्षा गार्डों, बाहर फूल बेचने वाले, विकास दुबे को ऑटो में घुमाने वाले बंटी सहित अन्य लोगों से 5 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की.

उज्जैन की पुलिस लाइन में उज्जैन आईजी राकेश गुप्ता और एसपी मनोज सिंह सहित दो एडिशनल एसपी और अन्य अधिकारियों ने मिलकर महाकाल मंदिर में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों, जिनमें सुरक्षा कार्ड फूल प्रसादी की दुकान वाले और सुरक्षाकर्मी से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की. इसके बाद मीडिया से रूबरू हुए उज्जैन एसपी मनोज सिंह ने विकास दुबे के अलवर से लेकर उज्जैन तक आने की कहानी मीडिया के सामने रखी. उन्होंने साफ किया कि उज्जैन में किसी ने भी विकास दुबे की मदद नहीं की थी और इसीलिए अब तक जितने लोग शक के बिना पर हिरासत में लिए गए थे उन सभी को छोड़ दिया गया है. इसमें शराब व्यवसायी के मैनेजर आनंद तिवारी से लेकर ऑटो वाले बंटी चौहान तक सभी लोगों को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी. 

उज्जैन के एसपी मनोज सिंह ने कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के मामले पर पूरा खुलासा किया है. उनके मुताबिक विकास दुबे का उज्जैन में किसी से कोई संबंध नहीं था. इसे बारे में कोई लिंक नहीं मिला है. उन्होंने कहा है कि यूपी पुलिस का प्रेस नोट निराधार है. विकास को अभिरक्षा में लेकर यूपी पुलिस के  हवाले किया गया था.

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मनोज सिंह ने बताया कि विकास दुबे देर रात 9:00 बजे राजस्थान परिवहन बस  से अलवर पहुंचा था. वहां से वह बाबू  ट्रेवल्स की बस से झालावाड़ होते हुए सुबह 3:58 पर उज्जैन के नाना खेड़ा बस स्टैंड पर पहुंचा था. इसके बाद उसने ऑटो रिक्शा किया और सबसे पहले शिप्रा नदी गया. इसके बाद वह महाकाल मंदिर  पहुंचा. इससे पहले उसने दो-तीन होटल खोजीं लेकिन नहीं मिलीं. विकास दुबे महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए हार फूल खरीदने गया. वहां पर उसे सुरेश कन्हार ने देखा. इसके बाद पुलिस ने उसे धरदबोचा. 

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मनोज सिंह का दावा है कि यह उज्जैन पुलिस की बड़ी सफलता है. अभी इस मामले में और जांच जारी है. विकास दुबे को उज्जैन में किसी ने भी सरंक्षण नहीं दिया. इसकी कोई लिंक नहीं मिली. मामले में सभी को छोड़ दिया गया है. 

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सिंह ने कहा है कि यूपी पुलिस का प्रेस नोट निराधार है. विकास को अभिरक्षा में लेकर यूपी पुलिस के  हवाले किया गया है. उसे महाकाल मंदिर के निर्गम द्वार पर धरदबोचा गया था. वह बड़ा दुर्दांत अपराधी था. वह इससे पहले भी कई बार दर्शन के लिए उज्जैन आया था. वह आनंद तिवारी के घर नहीं रुका. उज्जैन में किसी का भी लिंक नहीं मिला.

VIDEO : एनकाउंटर में मारा गया विकास दुबे

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