मध्यप्रदेश: देश में पहली बार पन्ना बाघ अभयारण्य में गिद्धों की रेडियो टैगिंग शुरू

लंबी दूरियां तय करते हैं गिद्ध, रेडियो टैग लगाने से गिद्धों की विभिन्न प्रजातियों के व्यवहार, आवागमन और रहन-सहन के बारे में जानकारी मिलेगी

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मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों को रेडियो टैग लगाए जा रहे हैं.
भोपाल:

देश में पहली बार मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना बाघ अभयारण्य (Panna tiger reserve) में गिद्धों (Vultures) को रेडियो टैग लगाने की योजना शुरू की गई है, ताकि उनके निवास, हरकतों एवं आदतों का बारीकी से अध्ययन किया जा सके. एक महीने तक पन्ना बाघ अभयारण्य के इन गिद्धों की भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञों की मदद से रेडियो टैगिंग (Radio tagging) की जाएगी ताकि उनके बारे में अहम जानकारी हासिल की जा सके.
    
अभयारण्य के क्षेत्रीय संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने कहा गिद्धों के बारे में कहा जाता है कि ये बहुत लंबी-लंबी दूरियां तय करते हैं. एक देश से दूसरे देश की दूरियां तय करते हैं. इस अध्ययन की शुरुआत 25 गिद्धों को टैग करने से की गई है. कोशिश की जा रही है कि सभी प्रजातियों को टैग कर सकें, कैसे रहते हैं, कैसे प्रवास करते हैं, रास्ते की भी जानकारी सब प्राप्त होगी.
   
पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों की सात प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से चार प्रजातियां पन्ना बाघ अभयारण्य की निवासी हैं एवं शेष तीन प्रजातियां प्रवासी हैं.

सन 2019 की गणना के मुताबिक पन्ना टाइगर रिजर्व में सात प्रजातियों के 629 गिद्ध हैं. इसी साल संसद में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि 1980 के मुकाबले गिद्धों की संख्या 99 फीसद तक कम हुई है. उम्मीद है ऐसे उपायों से इस प्रजाति को बचाने में मदद मिलेगी.

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