मध्य प्रदेश (Madhya Praesh) के ग्वालियर की रहने वाली प्रियंका गुप्ता को उस समय गहरा धक्का लगा, जब उन्हें 3,419 करोड़ रुपये का बिजली बिल मिला. बिजली के बिल की राशि के बारे में सुनकर उनके ससुर बीमार पड़ गए. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित बिजली कंपनी ने इसके लिए "मानवीय त्रुटि" को दोषी ठहराया है. साथ ही शहर के शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले गुप्ता परिवार को राहत देते हुए 1,300 रुपये का एक सही बिल जारी किया है.
गुप्ता के पति संजीव कंकाने ने कहा कि जुलाई के बिजली बिल में घरेलू खपत की राशि देखकर उनके पिता बीमार पड़ गए.
उन्होंने दावा किया कि 20 जुलाई को जारी बिजली के बिल को मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पोर्टल के माध्यम से क्रॉस वेरिफाइड किया गया था, लेकिन यह सही पाया गया. उन्होंने कहा कि बाद में राज्य की बिजली कंपनी ने बिल को सही किया.
बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक ने भारी बिजली बिल के लिए मानवीय भूल को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
उन्होंने कहा, "एक कर्मचारी ने सॉफ्टवेयर में खपत की गई इकाइयों के स्थान पर उपभोक्ता संख्या दर्ज कर दी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक राशि का बिल आया. बिजली उपभोक्ता को 1,300 रुपये का सही बिल जारी किया गया है."
एमपी के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि त्रुटि को सुधार लिया गया है और संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
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