कोरोना वायरस की तीसरी (Coronavirus third wave) लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है, ऐसे में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) भी तैयार हो रहा है. इसके लिए बड़े स्तर पर कार्य योजना तैयार की गई है. इसके तहत, जल्द ही नवजात शिशुओं व बच्चों के संक्रमित होने की संभावना को देखते हुए प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में 360 बिस्तर के ICU की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है. कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सबसे संक्रमित शहर इंदौर से खबर आई थी कि संक्रमण से उबरने के बाद 4 बच्चों ने दम तोड़ दिया. इंदौर के सीएमएचओ डॉ भूरेसिंह सेतिया कहते हैं, 'बच्चों में संक्रमण के ज्यादा मामले फिलहाल नहीं हैं लेकिन आगे हम तैयारी मेडिकल कॉलेज स्तर पर कर रहे हैं, अगर कुछ ऐसा होता है तो चीजें प्लानिंग में हैं.' अभी तक करीब 53086 बच्चे इसकी चपेट में पहले ही आ चुके हैं. इनमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 6825, 1 साल तक के बच्चों की संख्या 987 है.
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स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, संक्रमित बच्चों में 31 हज़ार लड़के और 22 हज़ार लड़कियां हैं. सागर जिले में भी 300 से ज्यादा बच्चे संक्रमित हुए जिसमें 4 की मौत हो गई, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉ सुमित रावत ने कहा, '302 बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है, 15-20 बच्चे गंभीर थे, 4 बच्चों की मृत्यु भी हुई है. इनको सर्दी खांसी के लक्षण नहीं होते, पेट दर्द उल्टी की शिकायत के साथ आते हैं बच्चे.' निजी स्तरों पर भी प्रयास शुरू हैं, सागर के गढ़ाकोटा में चिल्ड्रन कोविड सेंटर गढ़ाकोटा में 10 पलंग तैयार किए गए हैं. इसमें बच्चों को कुपोषण से बचाने पोषण आहार के साथ इलाज, दवाइयों की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही बच्चों के मनोरंजन के लिए झूलाघर, खिलौने, किड्स गेम आदि की व्यवस्थाएं की गई हैं. यहां संक्रमित बच्चे अपनी मां के साथ रह सकेंगे.
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बीजेपी नेता अभिषेक भार्गव ने कहा, 'वहां विशेषज्ञ डॉक्टर, ट्रेन नर्स रहेंगी, परिजन भी रह सकें ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन भगवान से प्रार्थना करेंगे एक भी बेड ना भरे.' चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी 13 शासकीय मेडिकल कॉलेज और उनके कोविड अस्पतालों के डॉक्टरों और अधिकारियों के साथ मिलकर बच्चों में संक्रमण की आशंका को लेकर कार्य योजना को तैयार किया है.