मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक कल्याणकारी योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया है. यह राशि किसानों को केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सालाना 6000 रुपये के अतिरिक्त दी जाएगी. यह घोषणा मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले की गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत सहायता राशि को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये सालाना करने की घोषणा की. प्रदेश सरकार द्वारा इसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बराबर किया, जिसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को 6,000 (तीन समान किस्तों में) प्रति वर्ष मिलते हैं.
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए 'लाडली बहना' योजना के लाभार्थियों की तरह, राज्य में किसानों को भी अब प्रति माह 1,000 रुपये मिलेंगे ( मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत भुगतान की गई राशि को जोड़कर प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये). रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मंगलवार को राजगढ़ जिले में किसान कल्याण महाकुंभ (किसानों की विशाल जनसभा) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) किसानों को (किसान सम्मान निधि के तहत) छह हजार रुपये सालाना दे रहे हैं इसलिए जब मैं चौथे कार्यकाल (मार्च 2020) के लिए मुख्यमंत्री बना तो मैंने भी किसानों को चार हजार रुपये देने का फैसला किया और कुल राशि बढ़ाकर दस हजार रुपये हो गई.''
उन्होंने मुख्य मंच से जुड़े रैंप पर कॉर्डलेस माइक के साथ चलते हुए अपने चिरपरिचित देहाती शैली में किसानों से कहा, ‘‘लेकिन अब स्थिति बदल कई है क्योंकि महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये (लाड़ली बहना योजना के तहत) मिलेंगे इसलिए मैं आज घोषणा कर रहा हूं कि किसानों को भी एक हजार रुपये प्रति माह मिलेगे- यानी प्रधानमंत्री से आपको 6,000 रुपये और आपके मामा (जैसा कि चौहान मप्र में लोकप्रिय हैं.) भी 6,000 रुपये देंगे जो कि 12,000 रुपये सालाना और 1,000 रुपये मासिक होता है.'' चौहान ने कहा कि 12 जून तक उनकी सरकार की प्रमुख योजना लाडली बहना के तहत 75 लाख से अधिक पात्र महिलाओं के बैंक खातों में एक-एक हजार रुपये की राशि जमा की गई है और अन्य 50 लाख लाभार्थियों को जल्द ही कवर किया जाएगा.
इस योजना के तहत 23-60 वर्ष की आयु की महिलाएं कुछ शर्तों के साथ प्रति माह 1,000 रुपये प्राप्त करने की पात्र हैं, जिसमें वे आयकर दाता नहीं हैं और उनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है. उन्होंने आश्वासन दिया, “उन्हें (लाभार्थियों को) इसके बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए (राशि प्राप्त करना). हम कमलनाथ (कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम) की तरह नहीं हैं, जो वादे करने के बाद पीछे हट जाते हैं. शेष लाभार्थियों को भी एक या दो दिन में उनके बैंक खातों में पैसा भेज दिया जाएगा.'' प्रदेश में विधानसभा चुनाव साल के अंत तक होने हैं.
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