एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर जिला प्रशासन और पुलिस ने रामनवमी के जुलूस पर हुए हमले में शामिल लोगों के घरों को तोड़ दिया है. अधिकारियों ने करीब 45 घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया. सोमवार को करीब 16 घरों और 29 दुकानों को तोड़ा गया. इंदौर के मंडलायुक्त पवन शर्मा ने कहा, ''खरगौन प्रशासन ने रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव करने वालों की संपत्तियों को गिराने का फैसला किया है. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है. 84 आरोपियों को गिरफ्तार कर खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया है.''
मोहन टॉकीज के पास चार घर और तीन दुकानें, खसखास बड़ी क्षेत्र में 12 घर और 10 दुकानें, औरंगपुरा क्षेत्र में तीन दुकानें और तालाब चौक में 12 दुकानें ध्वस्त कर दी गईं. खरगोन में गणेश मंदिर के पास करीब 16 अवैध स्थलों को तोड़ा गया. यह घटना रविवार को हुई जब रामनवमी के जुलूस में लोगों के एक समूह द्वारा एक-दूसरे पर पथराव हुआ. इस पथराव में पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने बताया कि जुलूस की शुरुआत में ही पथराव शुरू हो गया था जिसमें एक पुलिस निरीक्षक समेत चार लोग घायल हो गये थे.
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भीड़ द्वारा चार घरों में आग लगाने के बाद प्रशासन ने तालाब चौक, गौशाला मार्ग और मोतीपुरा इलाके में कर्फ्यू लगा दिया. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने इस घटना की निंदा की और इसे "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी. वहीं राज्य गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था, " लगातार दंगाइयों को चिह्नित किया जा रहा है. जिस-जिस घर से पत्थर आए हैं, उस घर को पत्थर का ढेर बनाएंगे. प्रदेश में शांति व्यवस्था बिगाड़ने का किसी को कोई अधिकार नहीं है. हम न ही किसी को बिगाड़ने देंगे."
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