"कद में छोटे, लेकिन अहंकार में वाह भाई वाह...": ज्योतिरादित्य सिंधिया पर प्रियंका गांधी ने कसे तंज

प्रियंका गांधी वाड्रा ने सिंधिया को 'गद्दार' करार देते हुए कहा कि उन्होंने ग्वालियर और चंबा की जनता के साथ विश्वासघात किया.

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दतिया में कांग्रेस की जनसभा में प्रियंका गांधी ने सिंधिया पर कसे तंज.
दतिया:

मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दतिया में रैली की. इस दौरान प्रियंका ने 'दोस्त' से 'दुश्मन' बने केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर जमकर निशाना साधा. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने दतिया में जनसभा के दौरान कहा, "उनके (बीजेपी के) सभी नेता थोड़े अजीब हैं. पहले हमारे सिंधिया... मैंने उनके साथ यूपी में काम किया है. क्या है कि वो कद में भी थोड़े छोटे पड़ गए, लेकिन अहंकार में वाह भाई वाह".

प्रियंका गांधी वाड्रा ने सिंधिया को 'गद्दार' करार देते हुए कहा कि उन्होंने ग्वालियर और चंबा की जनता के साथ विश्वासघात किया. प्रियंका ने आगे कहा, "महाराज बोलने की आदत नहीं है, लेकिन उनके पास जो भी कार्यकर्ता जाता था, वो बताता था कि दीदी उन्हें 'महाराज महाराज' कहना पड़ता है. हमारे मुंह से नहीं निकलता है, तो काम ही नहीं होता है."

सिंधिया पर तंज कसते हुए कांग्रेस महासचिव कहती हैं, "वैसे अपने परिवार की परंपरा उन्होंने अच्छे से निभाई है. विश्वासघात तो बहुत से लोगों ने किया है. लेकिन, उन्होंने ग्वालियर और चंबा की जनता के साथ विश्वासघात किया है. आपके पीठ पर छुरा घोंपा है. बनी बनाई सरकार को गिरा दिया. आपने सरकार बनाई थी.''

2020 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया 2020 में कांग्रेस से बगावत के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे. वो चुनावी रैली के दौरान पिछले कुछ हफ्तों से कांग्रेस पर तीखे हमले कर रहे हैं. सिंधिया ने कांग्रेस पर राज्य की महिलाओं के लिए कुछ नहीं करने, राहुल गांधी को स्पेशल ट्रिटमेंट देने और विकास लाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है.

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ऐसी अटकलें हैं कि सिंधिया कांग्रेस में रहते हुए टॉप पोस्ट पाने की उम्मीद कर रहे थे. 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की बड़ी जीत हुई. लेकिन सीएम पद को लेकर कमलनाथ और सिंधिया के बीच कुछ तय नहीं हो पा रहा था. कमलनाथ सीएम पद के लिए कांग्रेस की पसंद थे. बताया जाता है कि तब राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात कर उन्हें शीर्ष पद छोड़कर बैकसीट लेने के लिए मना लिया था. लेकिन सीएम पद हाथ से जाने की टीस सिंधिया के दिल में रह गई थी.

सिंधिया के बगावत से गिर गई थी कमलनाथ की सरकार
कमलनाथ सरकार के 18 महीने के अंदर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 20 विधायकों के साथ कांग्रेस में बगावत कर दी थी. सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने सरकार बनाई. कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव में खूब उठा रही है.

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सिंधिया ने कहा था- सीएम पद में दिलचस्पी नहीं
हालांकि, सिंधिया ने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद में दिलचस्पी है. हाल में NDTV को दिए गए एक इंटरव्यू में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, "सिंधिया परिवार को कभी भी कुर्सी की दौड़ में शामिल न करें. सिंधिया परिवार विकास, प्रगति और सार्वजनिक सेवा के जुनून के साथ दिन-रात काम करता है."

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बता दें कि 17 नवंबर को मध्य प्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ में दूसरे फेज की वोटिंग होगी. छत्तीसगढ़ में दूसरे फेज के तहत 70 सीटों पर मतदान होना है. पहले फेज में 20 सीटों पर 7 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है. 
 

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