मध्यप्रदेश: मूक-बधिर और दृष्टिबाधित 32 वर्षीय महिला ने 10वीं उत्तीर्ण करके कायम की मिसाल

डीईओ ने बताया कि गुरदीप की विशेष स्थिति को देखते हुए उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल के नियमों के मुताबिक परीक्षा के दौरान सहायक लेखक मुहैया कराया गया था जो सांकेतिक भाषा का जानकार है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

मध्यप्रदेश में बृहस्पतिवार को 10वीं की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हजारों विद्यार्थियों में इंदौर की गुरदीप कौर वासु सबसे खास हैं. बोल, सुन और देख सकने में असमर्थ 32 साल की इस महिला ने तमाम शारीरिक अक्षमताओं को पीछे छोड़ते हुए पढ़ाई के क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है. मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के घोषित नतीजों के अनुसार गुरदीप ने चित्रकला विषय में विशेष योग्यता के साथ 400 में 223 अंक हासिल किए हैं और वह द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुई हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) मंगलेश कुमार व्यास ने "पीटीआई-भाषा'' को बताया कि गुरदीप कौर वासु (32) ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए स्वाध्यायी उम्मीदवार के तौर पर आवेदन किया था. उन्होंने बताया,‘‘यह राज्य के माध्यमिक शिक्षा मंडल के इतिहास का पहला मामला है, जब बोल, सुन और देख नहीं पाने वाले किसी उम्मीदवार ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की है.''

डीईओ ने बताया कि गुरदीप की विशेष स्थिति को देखते हुए उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल के नियमों के मुताबिक परीक्षा के दौरान सहायक लेखक मुहैया कराया गया था जो सांकेतिक भाषा का जानकार है. शहर में दिव्यांगों के हित में काम करने वाली गैर सरकारी संस्था 'आनंद सर्विस सोसायटी' ने विशेष कक्षाएं लेकर गुरदीप को 10वीं की परीक्षा के लिए तैयार किया था.

संस्था की निदेशक और सांकेतिक भाषा की जानकार मोनिका पुरोहित ने बताया,‘‘कमाल की बात यह है कि 10वीं की परीक्षा के दौरान जिस महिला लेखक ने उत्तरपुस्तिका में जवाब लिखने में गुरदीप की मदद की, वह खुद भी मूक-बधिर थी. यह पूरे मध्य भारत के अकादमिक जगत में अपनी तरह का पहला मामला है.''

उन्होंने बताया कि गुरदीप किसी व्यक्ति के हाथों और उंगलियों को दबाकर उससे संकेतों की भाषा में संवाद करती हैं. पुरोहित ने बताया,‘‘हमें भी गुरदीप तक अपनी बात पहुंचाने के लिए इसी सांकेतिक भाषा में उनके हाथों और अंगुलियों को दबाना होता है.''

'पीटीआई-भाषा' के लिए पुरोहित ने संकेतों की अनूठी भाषा में गुरदीप से बात की, तो 10वीं उत्तीर्ण करने वाली 32 वर्षीय महिला ने कहा कि वह अपने परीक्षा परिणाम से खुश हैं और आगे पढ़ना चाहती हैं.

गुरदीप ने इशारों की जुबान में यह भी बताया कि वह 10वीं की परीक्षा में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट थीं और परीक्षा परिणाम घोषित होने से कुछ दिन पहले उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेककर गुरु नानक को धन्यवाद दिया था. 

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