- एम आर 20 लॉजिस्टिक यूएवी की रेंज 20 किलोमीटर है
- ये ड्रोन अपने साथ 40 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकता है
- इस ड्रोन का वजन 50 से 55 किलोग्राम के बीच है
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में जो ड्रोन इस्तेमाल किया है वो असल में बहुत खास है. ड्रोन के जरिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को ऐसी धूल चटाई कि उसका नजारा पूरी दुनिया ने देखा. इस ड्रोन का नाम है एम आर 20 लॉजिस्टिक यूएवी. इसको उत्तर प्रदेश के नोएडा की कंपनी रेफी एम फाइबर ने बनाया है. पूरी तरह स्वदेशी ड्रोन से भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के घर में घुसकर उसके सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था, भारत ने पाकिस्तान एयरफोर्स के कई हवाई अड्डों को ध्वस्त कर दिया. भारत ने पाकिस्तान को बैकफुट पर लाने के लिए ड्रोन का भी बखूबी इस्तेमाल किया. इस ड्रोन के जरिए दुश्मनों पर सटीक निशाना साधा जा सकता है.
40 मिनट तक हवा में उड़ान भर सकता है ये ड्रोन
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एम आर 20 लॉजिस्टिक यूएवी का खूब इस्तेमाल किया. इस ड्रोन की रेंज 20 किलोमीटर है. ये ड्रोन हवा में 40 मिनट तक उड़ान भर सकता है. साथ ही एम आर 20 लॉजिस्टिक यूएवी अपने साथ 40 किलोग्राम हथियार ले जा सकता है. इस ड्रोन का वजन 50-55 किलोग्राम होता है. ये ड्रोन अपने लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए 20 किलोमीटर दूर जा सकता है. इस ड्रोन को 4500 से 5000 मीटर की ऊंचाई से लॉन्च किया जा सकता है. यह ड्रोन ऑटोनॉमस ड्रोन है, यानी इसे एक बार प्रोग्राम कर दिया जाए तो यह अपने आप ही अपने लक्ष्य तक पहुंच जाता है और दिए गए काम को बखूबी अंजाम देता है. सिर्फ इतना ही नहीं यह ड्रोन अपना काम पूरा कर वापस भी लौट आता है. इस ड्रोन में कैमरा और इंजन भी लगे हैं. इसकी एक खासियत यह है कि यह न सिर्फ दिन, बल्कि रात में ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है.
पूरी तरह ऑटोमैटिक है ये ड्रोन
इस ड्रोन की खासियत शानदार है. इस ड्रोन को 4500-5000 मीटर की ऊंचाई से लॉन्च किया जा सकता है. इसकी लंबाई 8.6 फीट है जबकि चौड़ाई 8.2 फीट है. पाकिस्तान को धूल चटाने वाले इस ड्रोन की ऊंचाई 2 फीट है. यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक ड्रोन है. खास बात ये है कि इसका इस्तेमाल निगरानी के काम में भी किया जा सकता है. इसे रेफी एम फाइबर से बनाया गया है. यह पूरी तरह स्वदेशी ड्रोन है. इस ड्रोन के जरिए प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल लॉन्च की जा सकती है. ड्रोन में कैमरा और इंजन भी है और इसका दोबारा भी इस्तेमाल संभव है.
सैनिकों को राशन और दवा पहुंचाने में भी कारगर
भारतीय सेना में ऐसे करीब 1000 ड्रोन हैं. इस ड्रोन के जरिए सैनिकों को राशन और दवा भी पहुंचाना संभव है. गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने पड़ोसी देश को बड़ा नुकसान पहुंचाया था. पाकिस्तान के कई रणनीतिक रूप से अहम हवाई अड्डे तबाह गए थे. इस ड्रोन का इस्तेमाल सैनिकों तक राशन और दवाएं पहुंचाने के लिये भी किया जा सकता है. कठिन और दुर्गम इलाकों में सैनिकों को भोजन, दवाइयां, गोला-बारूद और अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने की दरकार होती है. इस ड्रोन में वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग तकनीक है.
ये ड्रोन किसी भी सरफेस पर आसानी से टेक-ऑफ और लैडिंग कर सकता है. इस ड्रोन का प्रयोग निगरानी के लिये भी किया जा सकता है. इस बार ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन के जरिए प्रिसिशन गाइडेड मिसाइल लॉन्च की गई थी, जिसका निशाना काफी सटीक रहा. सेना में ऐसे 1000 के करीब ड्रोन हैं जिनका प्रयोग सेना दुश्मनों के खिलाफ बखूबी करती है। इस ड्रोन का इस्तेमाल स्वॉर्म ड्रोन की तरह भी हो सकता है. यानी एक साथ ऐसे 50 ड्रोन दुश्मनों पर छोड़े जा सकते हैं, जो अपने मिशन को कारगर ढंग से अंजाम दे सकते हैं.