लम्पी त्वचा रोग: राजस्थान में दूध की कमी के कारण मिठाइयां हुईं महंगी

इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए अभी भी कोई टीका नहीं है, बकरी पॉक्स का टीका प्रभावी साबित हुआ है. राजस्थान में 16.22 लाख बकरी पॉक्स के टीके हैं, जिससे अब तक 12.32 लाख मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है.

Advertisement
Read Time: 16 mins
जयपुर:

कई राज्यों में ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) के कारण मवेशियों की आबादी पर असर पड़ रहा है. इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राजस्थान में दूध का स्टॉक बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसके कारण मिठाइयों की कीमतों में भी वृद्धि हुई है. प्रदेश की सबसे बड़ी दुग्ध सहकारिता जयपुर डेयरी फेडरेशन के दूध स्टॉक में 15 से 18 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि अभी तक आपूर्ति में कोई कमी नहीं हुई है.

जयपुर डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष ओम पूनिया ने कहा, "लम्पी हिट से पहले, हमें सहकारी में प्रतिदिन 14 लाख लीटर दूध मिलता था, लेकिन अब यह 12 लाख लीटर हो गया है. हालांकि दूध की आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं हुई है, हम जानवरों की मौत से चिंतित हैं, क्योंकि आधिकारिक तौर पर जो कहा जा रहा है उससे निश्चित रूप से वास्तव में आंकड़े अधिक हैं. अगर यह जारी रहा, तो एक संकट हो सकता है. जो हमने कोविड -19 के दौरान सामना किया था, उससे भी बदतर हालत है."

जोधपुर के एक मिठाई दुकानदार मुकेश कुमार शर्मा ने कहा, "सभी मिठाइयां मावा से बनाई जाती हैं. दूध की आपूर्ति कम होने से हमारा उत्पादन 80 प्रतिशत तक गिर जाता है. हमें कुछ मिठाइयों की कीमतें ₹20 तक बढ़ानी पड़ी हैं. विशेष रूप से दूध से बनने वाली."

पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रोफेसर सतीश के गर्ग ने कहा, "हमने लम्पी में ऐसे लक्षण कभी नहीं देखे हैं. पहली बार, घावों और मुंह के छालों के साथ बुखार देखा जा रहा है. संभावना है कि वायरस में नया परिवर्तन हुआ है. कई प्रयोगशालाएं इस पर शोध कर रही हैं."

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूदा स्थिति से चिंतित हैं, क्योंकि पशुपालन राजस्थान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इस रेगिस्तानी राज्य में किसानों की आय का ये मुख्य स्रोत दूध है. सिर्फ एक पखवाड़े में दूसरी बार, सीएम गहलोत ने केंद्र को पत्र लिखकर सरकार से एलएसडी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कहा है, क्योंकि यह 13 राज्यों में फैल गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में गहलोत ने लम्पी का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त सहायता की जरूरत पर बल दिया है और यह भी कहा है कि एक बार लम्पी के खिलाफ एक टीका तैयार होने के बाद राजस्थान को प्राथमिकता दी जाए.

Advertisement

जबकि इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए अभी भी कोई टीका नहीं है, बकरी पॉक्स का टीका प्रभावी साबित हुआ है. राजस्थान में 16.22 लाख बकरी पॉक्स के टीके हैं, जिससे अब तक 12.32 लाख मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है. हालांकि, 11 लाख से अधिक जानवर वायरस से प्रभावित हैं और राज्य में 51,000 मवेशियों की मौत के साथ, पशुधन खतरे में है, क्योंकि लम्पी के मामले बढ़ रहे हैं.

जयपुर शहर के बाहरी इलाके में किसान भोडू राम रायगर ने कहा कि उन्हें लम्पी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उनके मवेशियों का टीकाकरण नहीं किया गया था. अब बहुत देर हो चुकी है.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Worli Hit and Run Case: मुंबई में स्कूटर सवार दंपती को रौंदने वाले BMW वाले रईसजादे को मिलेगी सजा?