देश को मिला नया CDS, जनरल बिपिन रावत की मौत के 9 महीने बाद ले. जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान की नियुक्ति

देश के पहले सीडीएस, जनरल विपिन रावत की हेलीकॉप्‍टर हादसे में हुए मौत के करीब 9 माह बाद लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान की इस पद पर नियुक्ति की गई है.

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लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान का देश का नया CDS नियुक्‍त किया गया है
नई दिल्‍ली:

देश के नए चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (CDS) की नियुक्ति की गई है. देश के पहले सीडीएस, जनरल विपिन रावत की हेलीकॉप्‍टर हादसे में हुई मौत के करीब 9 माह बाद लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान की इस पद पर नियुक्ति की गई है. चीन विशेषज्ञ चौहान (61) अपने पदभार ग्रहण करने की तारीख से और अगले आदेश तक सैन्य मामलों के विभाग में सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे. वह 2019 में बालाकोट हवाई हमलों के दौरान सेना के सैन्य अभियान (डीजीएमओ) के महानिदेशक थे, जब भारतीय लड़ाकू विमानों ने पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया था. लेफ्टिनेंट जनरल चौहान (सेवानिवृत्त) भारत के दूसरे सीडीएस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद चार सितारा रैंक के जनरल का पद ग्रहण करेंगे.लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, मई 2021 में पूर्वी कमान के प्रमुख पद से रिटायर हुए थे.

जनरल बिपिन रावत को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस बनने का गौरव हासिल था. पिछले वर्ष दिसंबर में तमिलनाडु में हुए एक हेलीकॉप्‍टर हादसे में जनरल रावत, उनकी पत्‍नी और कुछ अन्‍य अधिकारियों सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में केवल एयरफोर्स ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे थे जिनकी गंभीर रूप से जलने के कारण बाद में मृत्‍यु हो गई थी. 63-वर्षीय जनरल बिपिन रावत ने जनवरी 2020 में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में कार्यभार संभाला था. तीनों सेनाओं-थल सेना, नौसेना और वायुसेना को एकीकृत करने के लिए इस पद का सृजन किया गया था. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का स्थायी अध्यक्ष होता है. यह राजनीतिक नेतृत्व को निष्पक्ष सलाह देने के अलावा रक्षा मंत्री का मुख्य सैन्य सलाहकार होता है.

गौरतलब है कि पिछले वर्ष 8 दिसंबर को हुई इस हेलिकॉप्टर दुर्घटना का तीनों सेनाओं के दल द्वारा जांच का आदेश दिया गया था.तमिलनाडु के नीलगिरि हिल्स में चॉपर क्रैश में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की मौत हो गई थी. हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की कुछ दिन बाद इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी. एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुवाई में हुई जांच ने पाया गया था कि खराब मौसम के चलते पायलट का ध्यान भटक गया जिस वजह से हादसा हुआ था. 

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