हम कमिटमेंट करते हैं तो... संभल पर बोलने से पहले जब स्पीकर-अखिलेश में चलीं 'चुटकियां'

अखिलेश यादव ने लोकसभा में संभल में पिछले दिनों अचानक हुई हिंसा की घटना को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम देने का आरोप लगाया.

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नई दिल्ली:

लोकसभा में लगभग एक सप्ताह से जारी गतिरोध के बाद मंगलवार को कार्यवाही की शुरुआत हुई. इस दौरान संसद में हंसी मजाक और तंज का दौर भी देखने को मिला. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लोकसभा में आज संभल में हिंसा का मुद्दा उठाया. जब सपा प्रमुख अपनी बात रखने के लिए उठे तो इस दौरान स्पीकर ने कहा कि हम कमिटमेंट करते हैं तो उसे पूरा करते हैं.  स्पीकर के बयान पर जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कमिटमेंट और क्रेडिबिलिटी में आपका कोई जवाब नहीं है. अखिलेश यादव के बयान पर स्पीकर ओम बिड़ला भी हंसने लगे. 

सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने लोकसभा में आज संभल में हिंसा का मुद्दा उठाया और कहा कि ये सुनियोजित साजिश थी. उन्होंने कहा कि संभल सद्भाव के लिए जाना जाता था.19 दिसंबर को कोर्ट के आदेश के बाद 2 घंटे के अंदर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी सर्वे करने संभल के शाही मस्जिद पहुंच गए. 

यादव ने कहा, ‘‘देश के कोने-कोने में भाजपा और उसके सहयोगी, समर्थक और शुभचिंतक बार-बार ‘खुदाई' की बात करते हैं जिससे देश का सौहार्द, भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब खो जाएगी.''उन्होंने दावा किया कि एक बार स्थानीय अदालत के आदेश पर संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का काम पूरा कर चुके पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कुछ दिन बाद दोबारा सर्वे के लिए पहुंच गए और उनके पास अदालत का कोई आदेश नहीं था.

यादव ने आरोप लगाया कि इस दौरान सूचना मिलने पर मस्जिद पहुंच गए स्थानीय लोगों ने जब कार्रवाई का कारण जानना चाहा तो पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बदसलूकी की और नाराज होकर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया जिसके बाद पुलिस गोलीबारी में पांच मासूम मारे गए.उन्होंने कहा, ‘‘संभल का माहौल बिगाड़ने में सर्वे की याचिका दायर करने वाले लोगों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन के लोग जिम्मेदार हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए.''

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