लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मानवता के बेहतर भविष्य के लिए संसदीय कूटनीति की हिमायत की

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पी20 शिखर बैठक में चर्चा किये जाने वाले मुद्दों पर जी20 देशों की संसद में भी चर्चा जारी रहनी चाहिए और उसे नीतियों व पहल तक ले जाना चाहिए तथा जरूरत पड़ने पर नये कानून बनाये जाए. बिरला ने जी20 देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों की भागीदारी वाले पी 20 शिखर बैठक में कहा, ‘‘संसदीय कूटनीति को मानवता के बेहतर भविष्य का माध्यम बनना चाहिए.’’

विज्ञापन
Read Time: 6 mins

नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मानवता के बेहतर भविष्य के लिए एक माध्यम के रूप में संसदीय कूटनीति का उपयोग करने की शुक्रवार को जोरदार हिमायत की. जी20 देशों की संसद के स्पीकर (पी20) की शिखर बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बिरला ने भारत के अल्प विकसित जिलों में विकास पहल उपायों को रेखांकित किया और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के प्रयासों के तहत हरित ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने को प्रमुखता दिये जाने का उल्लेख किया.

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पी20 शिखर बैठक में चर्चा किये जाने वाले मुद्दों पर जी20 देशों की संसद में भी चर्चा जारी रहनी चाहिए और उसे नीतियों व पहल तक ले जाना चाहिए तथा जरूरत पड़ने पर नये कानून बनाये जाए. बिरला ने जी20 देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों की भागीदारी वाले पी 20 शिखर बैठक में कहा, ‘‘संसदीय कूटनीति को मानवता के बेहतर भविष्य का माध्यम बनना चाहिए.''

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार सुबह शिखर बैठक का उद्घाटन किया. बिरला ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन की पृष्ठभूमि में टिकाऊ उर्जा की ओर बढ़ना आज वक्त की दरकार है. अंतरराष्ट्रीय जीवाश्म गठबंधन और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को पूरे विश्व का समर्थन मिला है.''

उन्होंने कहा कि भारत महिला सशक्तीकरण और महिला नीत विकास के लिए भी कदम उठा रहा है तथा पिछले महीने संसद द्वारा पारित महिला आरक्षण विधेयक का जिक्र किया. बिरला ने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि महिला नीत विकास 21वीं सदी में बदलाव का सबसे बड़ा वाहक होगा.'' उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने समावेशी, पारदर्शी और जवाबदेह शासन सुनिश्चित किया है.

ये भी पढ़ें:- 

इजरायल में हमास के हमले में जख्मी भारतीय महिला, सरकार से पति ने खुद को वहां भेजने की लगाई गुहार

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
UP Madrasa Act को Supreme Court ने दी मान्यता, 16 हजार मदरसों और 17 लाख छात्रों को राहत
Topics mentioned in this article