"हम उनके उम्मीदवारों को बुलाएंगे तो..." : हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस को दी चेतावनी

असम के मुख्यमंत्री ने कहा, "सवाल ये है कि कांग्रेस के उम्मीदवार क्या नतीजों के बाद भी कांग्रेस में रहेंगे कि नहीं. क्योंकि कोई भी कांग्रेस में नहीं रहना चाहता है... सभी बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं."

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हिमंत सरमा ने मतदाताओं से कहा कि अगर वो हमारे साथ जुड़ जाएंगे तो आपको कांग्रेस को वोट नहीं करना चाहिए.
नई दिल्ली:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himant Biswa Sarma) ने लोकसभा नतीजों के सामने आने पहले ही कांग्रेस को सतर्क कर दिया है. उन्होंने अपनी पूर्व पार्टी को चेतावनी दी है कि राज्य में चुनाव के बाद कई जीतने वाले उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में चले जाएंगे. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने मतदाताओं को संदेश दिया है कि उन्हें विपक्ष के लिए वोट नहीं करना चाहिए. बता दें कि हिमंत सरमा ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए असम के करीमगंज जिला से अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया है. 

असम के मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "सवाल ये है कि कांग्रेस के उम्मीदवार क्या नतीजों के बाद भी कांग्रेस में रहेंगे कि नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी कांग्रेस में नहीं रहना चाहता है... सभी बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं. अगर इस वक्त मैं कांग्रेस के प्रत्याशियों को ला सकता हूं... तो कांग्रेस के लिए वोट देने का कोई मतलब नहीं है." 

हिमंत सरमा ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे सूरज हैं और हम उनके चांद हैं". उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से ही हमें ताकत मिल रही है और "विपक्ष के जो नेता हैं वो भी हमारे हैं... अगर हम उन्हें बुलाएंगे तो वो हमसे जुड़ेंगे." उन्होंने कहा, पीएम मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे और 'अल्पसंख्यक' या 'बहुसंख्यक' कौन है, इसका कोई सवाल ही नहीं है. यहां केवल 'सबका साथ सबका विकास' होगा. "यहां कोई विपक्ष नहीं है. वो सभी हमारे हैं और हम उन्हें बुलाएंगे तो वो हमसे जुड़ेंगे."

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असम के नेता ने नवंबर 2020 में इसी तरह के दावे किए थे; यह विधानसभा चुनाव से पहले की बात है, जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का दबदबा था और उन्होंने राज्य की 126 सीटों में से 75 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, बीजेपी ने 93 में से 60 सीटें जीतीं थीं. उन्होंने तब कहा था, "चुनाव से पहले, लोग राजनीतिक स्थिति बदलते हैं और असम में कांग्रेस में अभी भी कुछ अच्छे नेता हैं. मैंने उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. मैं उनमें से कई के संपर्क में हूं..."

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बता दें कि हिमंत सरमा ने खुद 2015 में कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. तब उन्हें 2001 से 2011 तक कांग्रेस की जीत की हैट्रिक के मास्टरमाइंड के रूप में देखा गया था लेकिन जब उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए नजरअंदाज किया गया तो उन्होंने पार्टी से अलग होने का फैसला किया. 

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भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार को 2024 चुनाव की तारीखों की घोषणा की गई. असम से 14 सांसद लोकसभा में भेजे जाते हैं और इसके लिए 19 अप्रैल से सात चरणों में मतदान होगा. 2019 में भाजपा ने 14 में से 10 पर चुनाव लड़ा था और नौ सीटों पर जीत हासिल की था.

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