निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने मंगलवार को बताया कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के पहले और दूसरे चरण में क्रमश: 66.14 प्रतिशत और 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ है. कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने 19 अप्रैल को पहले दौर के मतदान के 11 दिन बाद लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़ों की घोषणा करने और इसमें इतनी लंबी देरी को लेकर मंगलवार को निर्वाचन आयोग से सवाल किया.
दूसरे चरण में पिछले चुनाव की तुलना में कम मतदान
आयोग ने बताया कि 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ जिसमें 88 सीट के लिए 66.99 पुरुष मतदाताओं ने और 66.42 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस चरण में तीसरे लिंग के पंजीकृत मतदाताओं में से 23.86ने मतदान किया. आंकड़ों के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 69.64 प्रतिशत मतदान हुआ था.
पहले चरण में महिला मतदाताओं की सख्या अधिक
निर्वाचन आयोग के मुताबिक पहले चरण में जिन 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान हुआ, उनमें से 11 में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक रही. इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, पुडुचेरी, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. आंकड़ों के मुताबिक दूसरे चरण में 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदान हुआ जिनमें से असम, बिहार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, केरल और पश्चिम बंगाल में पुरुषों के मुकाबले मतदान करने वाली महिला मतदाताओं की संख्या अधिक रही.
अंतिम आंकड़े में डाक मतपत्रों को भी जोड़ा जाएगा
निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया कि मतदान के अंतिम आंकड़े डाक मतपत्रों की गिनती और कुल मतों की गिनती को जोड़ने के बाद ही उपलब्ध होंगे. डाक मतपत्रों में मतदान करने की सुविधा सेवा मतदाताओं, अनुपस्थित मतदाताओं जिनमें 85 वर्ष से अधिक आयु वाले, दिव्यांग, आवश्यक सेवाओं और चुनाव ड्यूटी पर कार्यरत कर्मियों को दी जाती है. आयोग ने बताया कि रोजाना प्राप्त होने वाले डाक मतपत्रों की जानकारी सभी उम्मीदवारों को दी जाती है.
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