"सफेद झूठ" : PM मोदी के कर्नाटक मुस्लिम कोटा वाले दावे पर सीएम सिद्धारमैया का पलटवार

सिद्धारमैया ने पूछा कि कांग्रेस ने ऐसा कब कहा कि वह मुसलमानों को देने के लिए पिछड़े वर्गों और एससी/एसटी से आरक्षण (Karnataka Muslim Quota) छीन लेगी. किस राज्य की कांग्रेस सरकार ने ऐसी नीति लागू की है.

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पीएम मोदी के दावे पर सीएम सिद्धारमैया का पलटवार.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली के दौरान कर्नाटक कांग्रेस (Karnataka Congress) सरकार पर मुस्लिमों को पिछड़े वर्गों और दलितों का कोटा दिए जाने का आरोप लगाया था. इस पर अब सीएम सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) की प्रतिक्रिया सामने आई है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे गलत बताते हुए कहा है कि या तो प्रधानमंत्री अपने आरोप को साबित करें या फिर देश से माफी मांगें. दरअसल पीएम मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को राजस्थान के टोंक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण बढ़ाकर मुसलमानों को देने की कोशिश का आरोप लगाया था. उन्होंने अपने पिछले आरोप को भी दोहराया कि कांग्रेस ने लोगों का पैसा छीनने और इसे "चुनिंदा" समूह के बीच बांटने की "गहरी साजिश" रची है. हालांकि कांग्रेस ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि  उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है.

कांग्रेस पर पीएम मोदी का आरोप

पीएम मोदी ने आरोप लगाया, ''2004 में जैसे ही कांग्रेस ने केंद्र में सरकार बनाई, उसने सबसे पहले आंध्र प्रदेश में एससी/एसटी आरक्षण को कम कर  मुसलमानों को देने का काम किया था. यह एक पायलट प्रोजेक्ट था, जिसे कांग्रेस पूरे देश में आज़माना चाहती थी. 2004 से 2010 के बीच, कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में चार बार मुस्लिम आरक्षण लागू करने की कोशिश की, लेकिन कानूनी बाधाओं और सुप्रीम कोर्ट की जागरूकता की वजह से वह अपने इरादे में कामयाब नहीं हो सकी.'' 

पीएम मोदी ने दावा किया, ''कांग्रेस ने इसे 2011 में पूरे देश में लागू करने की कोशिश की थी. उन्होंने वोट बैंक की राजनीति के लिए एससी, एसटी और ओबीसी को मिले अधिकारों को छीनकर दूसरों को देने का खेल खेला.'' पीएम मोदी ने ये भी कहा कि जब कर्नाटक में बीजेपी सरकार को मौका मिला, तो उसने कांग्रेस सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण में से बनाए गए मुस्लिम कोटा को खत्म कर दिया.

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"सबूत दें या देश से माफी मांगें पीएम"

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने एक्स पर पलटवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी का यह दावा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने पिछड़े वर्गों और दलितों का आरक्षण कोटा मुसलमानों को ट्रांसफर कर दिया, यह "सफ़ेद झूठ" है.  उन्होंने एक बयान में कहा. उन्होंने कहा कि उनको मामले के बारे में पता नहीं है. इसके साथ ही यह बयान उनके डर को दिखाता है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी किए गए दावे को लेकर या तो सूत पेश करें या फिर देश से माफी मांगें. 

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सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा कब कहा कि वह मुसलमानों को देने के लिए पिछड़े वर्गों और एससी/एसटी से आरक्षण छीन लेगी. किस राज्य की कांग्रेस सरकार ने ऐसी नीति लागू की है. क्या इससे संबंधित कोई आधिकारिक सरकारी दस्तावेज मौजूद है. पीएम मोदी को इसकी डिटेल देश के सामने पेश करनी चाहिए. उन्होंने कहा, संवैधानिक आरक्षण में मनमाने ढंग से संशोधन नहीं किया जा सकता. आरक्षण में संशोधन सिर्फ सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षणों की रिपोर्ट के आधार पर ही किया जा सकता है.

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"आरक्षण में संशोधन का अधिकार राज्य के पास नहीं"

इसके अलावा, राज्य सरकारों के पास अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण को संशोधित करने का अधिकार नहीं है. ऐसे संशोधनों के लिए संसद के दोनों सदनों की मंजूरी की जरूरत होती है. लेकिन पीएम मोदी का इस तरह का बयान दुख पहुंचाने वाला है. 

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सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों को पिछड़े वर्ग की 2बी कैटेगरी में शामिल करके आरक्षण दिया गया है. सिद्धारमैया ने कहा कि इसे अभी लागू नहीं किया गया है. यह 1974 में एल.जी. हवानूर में शुरू हुए पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्टों पर आधारित है. यह आरक्षण पिछले तीन दशकों से लागू है. अब तक इसे किसी ने भी इसे अदालत में चुनौती नहीं दी है.

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