"अमेठी में देरी का मतलब कांग्रेस ने मानी हार"... : राहुल गांधी के 2 सीटों से चुनाव लड़ने की अटकलों पर स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने कहा, "मुझे नहीं पता कि अमेठी से चुनाव कौन लड़ेगा, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के लोग यहां से उम्मीदवार घोषित करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसा लगता है कि उन्हें अमेठी की ताकत का अंदाजा लग चुका है और उन्हें पहले से ही हार का डर सता रहा है."

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अमेठी में फिर से स्मृति ईरानी को उतार सकती है बीजेपी
राहुल गांधी के मुकाबले बढ़ा स्मृति ईरानी का वोट प्रतिशत
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को दी नई चुनौती
नई दिल्ली/अमेठी:

लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election 2024) की तारीखों का ऐलान जल्द किया जाएगा. इससे पहले बीजेपी-कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां उम्मीदवार चुनने में लगी हैं. बीजेपी ने 195 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. लेकिन कांग्रेस (Congress) ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस बीच राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बारे में अटकलें लग रही हैं कि वो पिछले बार की तरह इस बार भी केरल के वायानाड और यूपी की अमेठी (Amethi)सीट से चुनाव लड़ेंगे. इसे लेकर अमेठी से मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) की प्रतिक्रिया आई है.

स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "वो कहते हैं कि अमेठी कांग्रेस का गढ़ है. अगर ऐसा है तो वो यहां एक कैंडिडेट फाइनल करने में देरी क्यों कर रहे हैं? ये उनमें आत्मविश्वास में कमी को दिखाता है." उन्होंने कहा, "फिलहाल मुझे नहीं पता कि अमेठी से चुनाव कौन लड़ेगा, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के लोग यहां से उम्मीदवार घोषित करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसा लगता है कि उन्हें अमेठी की ताकत का अंदाजा लग चुका है और उन्हें पहले से ही हार का डर सता रहा है."

अमेठी में फिर होगा स्मृति ईरानी और राहुल गांधी का मुकाबला? जानें इस सीट का सियासी गुणा-गणित

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को UPA और नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल पर डिबेट करने की चुनौती दी थी. स्मृति ने सोमवार (4 मार्च) को महाराष्ट्र के नागपुर में नमो युवा महासम्मेलन में कहा- "कांग्रेस के UPA और मोदी शासन के 10 साल में क्या अंतर है, इस पर चर्चा होनी चाहिए."

Advertisement
ईरानी ने कहा, "अगर मैं इस बारे में राहुल गांधी से बहस करने कहूंगी तो वे नहीं आएंगे. वे ‌BJP के एक मामूली कार्यकर्ता के सामने भी नहीं टिक पाएंगे. मैं गारंटी देती हूं कि अगर BJP युवा मोर्चा का कोई कार्यकर्ता भी राहुल गांधी के सामने बोलना शुरू कर दे, तो उनकी बोलने की ताकत खत्म हो जाएगी."

2019 के इलेक्शन में अमेठी का हाल
2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें, तो स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. स्मृति ईरानी को 4 लाख 68 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. राहुल गांधी को 4 लाख 13 हजार वोट मिले. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस सीट पर बीजेपी को कुल वोट का 49.71 प्रतिशत और राहुल गांधी को 43.84 प्रतिशत वोट मिला. तीसरे नंबर पर एक निर्दलीय प्रत्याशी रहा था. 

Advertisement

Candidate Kaun: बारामती सीट पर क्या भाभी और ननद में होगा मुकाबला? पुणे सीट से कांग्रेस किसे बनाएगी उम्मीदवार

कैसे गिरता गया राहुल का वोट प्रतिशत?
साल 2004 के लोकसभा चुनाव से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राहुल गांधी को अमेठी की जनता ने सिर-आंखों पर बैठाया. पहली बार उन्हें करीब 67 प्रतिशत वोट मिले, जो कि साल 2009 में 72 प्रतिशत तक पहुंच गए. लेकिन 2014 और 2019 की मोदी लहर में राहुल गांधी का वोट प्रतिशत घटकर 47 तक पहुंच गया था. जबकि स्मृति ईरानी को करीब 34 प्रतिशत वोट मिले. इससे स्मृति के लिए जमीन तैयार हो गई. 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव में हरा दिया.

Advertisement

जनता के बीच सोच-समझकर बोलें... : PM मोदी पर कमेंट को लेकर EC ने दी राहुल गांधी को सलाह 

Featured Video Of The Day
Pahalgam Terror Attack पर क्यों आमाने-सामने हुए Sharad Pawar - Devendra Fadnavis