पहले 500mg के पैरासिटामोल से बुखार उतरता था, अब 650mg से भी काम नहीं होता... : रैली में ऐसा क्यों बोले अखिलेश यादव ?

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुखार की दवा पैरासिटामोल का उदाहरण देते हुए जनता को बीजेपी के घोटाले समझाने की कोशिश की. उनके बयान का वीडियो वायरल हो रहा है.

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी की कन्नौज सीट से चुनावी मैदान में हैं.
बांदा:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में इस बार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) INDIA अलायंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. शुक्रवार को अखिलेश यादव ने यूपी के बांदा में रैली की और बीजेपी (BJP) पर जमकर निशाना साधा. रैली में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुखार की दवा पैरासिटामोल का उदाहरण देते हुए जनता को बीजेपी के घोटाले समझाने की कोशिश की. उनके बयान का वीडियो वायरल हो रहा है.

अखिलेश यादव ने कहा, "पहले हमें 500 एमजी पैरासिटामोल के टैबलेट मिलते थे. उसे खाने से बुखार ठीक हो जाता था. आज हम 650 एमजी का पैरासिटामोल खाते हैं, फिर भी बुखार ठीक नहीं होता. क्या यह बीजेपी का घोटाला नहीं है?"

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कोरोना वैक्सीन पर भी उठाए थे सवाल
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पहले भी कोरोना वैक्सीन को 'बीजेपी के टीके' कहकर निशाना साधा था. उन्होंने ऐलान किया है कि अगर समाजवादी पार्टी की सरकार आई, तो मुफ्त आटा और डेटा बांटा जाएगा.

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आटा और डेटा दोनों जरूरी
अखिलेश ने कहा, "समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन जब सरकार बनाएगी राशन की गुणवत्ता बेहतर करके आपको आटा के साथ-साथ डाटा भी फ्री में देने का कार्य करेंगे. आटा जितना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, उतना ही डाटा भी भविष्य के लिए बहुत जरूरी है." उन्होंने कहा, "बीजेपी वाले कहते थे कि डिफेंस कॉरिडोर बनाकर यह पर मिसाइल और बम बनाएंगे, लेकिन इन्होंने सुतली बम भी नही बनाया. यह जो डबल इंजन की सरकार अपने को कहते हैं. इसमें जिसके लिए वोट मांगना है वह इंजन पहले से ही गायब है." 

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बुंदेलखंड की जनता को देना होगा जवाब
वहीं, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि बुंदेलखंड की जनता ने जितना धोखा पाया है, इस बार जनता भारतीय जनता पार्टी के अहंकार को खंड-खंड करने का काम करेगी. उन्होंने कहा, "जिस तरह से समुद्र मंथन हुआ था. उसी तरीके से इस बार संविधान मंथन होने जा रहा है. एक तरफ वह लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं. दूसरी तरफ वह तकते हैं जो संविधान को बदलना चाहते हैं."

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