असली शिवसेना किसकी? महाराष्ट्र के चुनावी समर में साबित करने की होड़; जनता के फैसले का इंतजार

एक तरफ जहां एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना को महायुति में शामिल सबसे बड़ी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का साथ मिला, तो वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे उस महा विकास आघाड़ी के सदस्य हैं, जिसमें कांग्रेस और शरद पवार वाली एनसीपी शामिल हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
मुंबई:

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दौरान दो गठबंधन तो आमने-सामने हैं ही, साथ ही साथ दो शिवसेनाओं के बीच भी मुकाबला है. दो साल पहले पार्टी में बगावत होने के बाद ये पहला ऐसा मौका है, जब एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के गुट चुनाव में भिड़ रहे हैं. महाराष्ट्र में हो रहे लोकसभा चुनाव के नतीजों में कई सवालों के जवाब छुपे हैं. इसमें एक बड़ा सवाल ये है कि असली शिवसेना किसकी? उद्धव ठाकरे की या एकनाथ शिंदे की?

महाराष्ट्र में दो शिवसेना है. दोनों अपने आप को बाला साहेब ठाकरे का अनुयाई, हिंदुत्ववादी और राष्ट्रवादी बताते हैं. दोनों ही वी डी सावरकर का समर्थन करती हैं. साथ ही पाकिस्तान का विरोध करती हैं, तो फिर दोनों में आखिर फर्क क्या है? फर्क ये है कि महाराष्ट्र के चुनावी समर में दोनों ही शिवसेना अलग-अलग गठबंधनों के साथ हैं.

दोनों ही गुट अपने आप को असली शिवसेना बताते हैं, लेकिन असली शिवसेना कौन सी है, ये इस लोकसभा चुनाव के नतीजे से साफ हो जाएगा. महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 13 सीटें ऐसी हैं जिन पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के उम्मीदवार एक दूसरे के आमने-सामने हैं.

इनमें प्रमुख सीट हैं :- 
  • मुंबई दक्षिण की सीट जहां ठाकरे सेना से दो बार सांसद रहे अरविंद सावंत का मुकाबला यामिनी जाधव से है.
  • मुंबई दक्षिण मध्य की सीट जहां मुकाबला शिंदे सेना के राहुल शेवाले और ठाकरे सेना के अनिल देसाई के बीच है.
  • मुंबई उत्तर पश्चिम की सीट जहां ठाकरे सेना के अमोल कीर्तिकार और शिंदे सेना के रविन्द्र वायकर सामने सामने हैं.
  • नासिक की सीट जहां दो बार से सांसद रहे हेमंत गोडसे का मुकाबला ठाकरे सेना के राजाभाउ वाजे से है.
  • औरंगाबाद की सीट जहां ठाकरे सेवा के उम्मीदवार चंद्रकांत खैरे का मुकाबला शिंदे सेवा के संदीपान भुमरे से है.
  • ठाणे की सीट पर जीत हासिल करना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए नाक का सवाल है. यहां मुकाबला ठाकरे सेना से दो बार सांसद रहे राजन विचारे और शिंदे सेना के नरेश मस्के के बीच है.
  • कल्याण की सीट मुख्यमंत्री के बेटे और मौजूदा सांसद श्रीकांत शिंदे का मुकाबला ठाकरे सेना की उम्मीदवार वैशाली दरेकर राणे के बीच है.

जून 2022 में जब शिवसेना में बगावत हुई तो ज्यादातर विधायक और सांसद एकनाथ शिंदे के खेमे में चले गए. इसके बाद चुनाव आयोग ने और फिर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने भी एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना को ही असली शिवसेना के तौर पर मान्यता दी, शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष बाण भी एकनाथ शिंदे को ही मिला.

Advertisement
शिवसेना की लड़ाई में फिलहाल एकनाथ शिंदे आगे

उद्धव ठाकरे की पार्टी को अब अपने नाम के आगे ब्रैकेट में उद्धव बालासाहेब ठाकरे लगाना पड़ता है. उनकी पार्टी को नया चुनाव चिन्ह मशाल मिला है. एक तरफ जहां एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना को महायुति में शामिल सबसे बड़ी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का साथ मिला, तो वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे उस महा विकास आघाड़ी के सदस्य हैं, जिसमें कांग्रेस और शरद पवार वाली एनसीपी शामिल हैं. ठाकरे सेना को उम्मीद है कि जिस तरह से पार्टी में बगावत हुई है, वो लोगों के बीच उद्धव ठाकरे के प्रति सहानुभूति है और इसका फायदा चुनाव में उसे मिल सकता है.

Advertisement
दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना लोगों को ये समझाने का प्रयास कर रही है कि कांग्रेस और एनसीपी जैसी पार्टियों के साथ हाथ मिलाकर उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के विचारों के विरुद्ध काम किया है.

महाराष्ट्र में अंतिम चरण का चुनाव 20 मई को होगा और दोनों शिवसेना के बीच टकराव वाली ज्यादातर सीटें इसी चरण में हैं. ऐसे में 4 जून को आने वाले नतीजे में साफ हो जाएगा कि दो गुटों में से जनता असली शिवसेना किसे मानती है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
NDTV Auto Show: Mercedes AMG C 63 SE Performance ट्रैक पर कितनी फ़ास्ट? साथ ही BMW i5 M60 का Review