जैसा देश, वैसा वेश; पीएम मोदी ने दक्षिणी राज्यों में दिया दिल जोड़ने का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मलयालम फिल्मों के सुपर स्टार सुरेश गोपी की बेटी भाग्य की शादी में पहुंचे. वहां वे बिल्कुल केरल के किसी आम आदमी की तरह वैसे ही परिधान में थे.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
पीएम मोदी दक्षिण भारत के दौरे पर हैं.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री मोदी प्रतीकों का इस्तेमाल बहुत करीने से करते हैं. किसी भी संस्कृति से अपने जुड़ाव के लिए उनके पास तमाम कारण और किस्से होते हैं. पहले श्रीगुरुवयूर मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परंपरागत एक वस्त्र में दर्शन किए. इस मंदिर को दक्षिण भारत का द्वारका कहते हैं. इसके साथ प्रधानमंत्री का नाता कुछ इस तरह जुड़ता है कि द्वारका गुजरात में है और पीएम मोदी खुद गुजरात से आते हैं. 

मंदिर में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मलयालम फिल्मों के सुपर स्टार सुरेश गोपी की बेटी भाग्य की शादी में पहुंचे. वहां वे बिल्कुल केरल के किसी आम आदमी की तरह वैसे ही परिधान में थे. प्रधानमंत्री मोदी की इस मौके की तस्वीरों ने लोगों का दिल जीत लिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल के कोच्चि भी पहुंचे. वहां उनकी चुनावी सभा का नजारा पूरी तरह राममय था. मंच पर पीछे भगवान राम की तस्वीर लगी थी. वहीं पीएम मोदी को धनुष बाण दिया गया जिसके बगैर भगवान राम की छवि अधूरी लगती है. प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के लोगों से भी अपील की कि वे 22 जनवरी को भगवान राम के लिए श्रद्धा का एक दीया जरूर जलाएं.

एक तरफ केरल में भक्ति के पवित्र स्थलों पर पीएम मोदी पहुंचे तो दूसरी तरफ इस खूबसूरत राज्य के लिए विकास की नई सौगातें भी दीं. मुख्यमंत्री पी विजयन की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के लिए चार हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की विकास परियोजनाओं का ऐलान किया.

आप देखिए कि नए साल में 7-लोक कल्याण मार्ग से निकलने के बाद प्रधानमंत्री सबसे पहले दक्षिण की तरफ गए. दो जनवरी को वे तमिलनाडु में थे. तमिलनाडु पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की ही एक पहल के कारण सुर्खियों में आया था जब वहां चोल साम्राज्य के राजदंड को नए संसद भवन की लोकसभा में स्पीकर के आसन की दाहिनी तरफ लगाया गया था. 

इस साल की तीन जनवरी को केरल से होते हुए प्रधानमंत्री मोदी लक्षद्वीप पहुंचे थे. लक्षद्वीप में प्रधानमंत्री का अलग अंदाज था. उन्होंने समंदर में स्नार्कलिंग करके यह पैगाम दे दिया कि लक्षद्वीप आइए और एडवेंचर चाहते हैं तो समंदर में गोता लगाइए. इसके अलावा लक्षद्वीप में समंदर किराने सुबह और शाम चहलकदमी करके प्रधानमंत्री ने यह भी इशारा कर दिया कि कुदरत का नजारा लेना है तो लक्षद्वीप आ जाइए. यह दूसरी बात है कि इससे मालदीव को मिर्ची लग गई. लेकिन भारत का रुख साफ है कि इसे तो अपना टूरिज्म बढ़ाना है.

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी की दक्षिणी राज्यों की ताबड़तोड़ यात्राएं चुनावी साल में हो रही हैं, इसलिए इस यात्रा की एक कड़ी लोकसभा के चुनावों से भी जुड़ती है.

Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War Explained: Trump की ताजपोशी से पहले क्यों मची होड़
Topics mentioned in this article