'तेंदुआ देख भागना मना है!' पुणे IT हब में दहशत, Cognizant ने कर्मचारियों के लिए बदले रात के नियम

पुणे शहर में लगातार तेंदुए दिखने की घटनाओं के बाद, कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी IT कंपनी ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जानिए क्या हैं ये एहतियाती कदम.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
पुणे में तेंदुए का डर, IT कंपनी कॉग्निजेंट ने कर्मचारियों के लिए जारी की सेफ्टी गाइडलाइन (सांकेतिक फोटो)

Maharashtra News: आईटी हब पुणे (Pune) में आजकल अजीब सी टेंशन है. इधर कॉर्पोरेट की भागमभाग, उधर जंगली तेंदुओं का आना-जाना. हाल ही में पुणे के कई इलाकों में तेंदुए (Pune Leopard News) दिखे हैं. इसी को देखते हुए, पुणे की टॉप आईटी कंपनी कॉग्निजेंट (Cognizant) ने अपने सारे कर्मचारियों के लिए एक सेफ्टी एडवाइजरी (Safety Advisory) जारी की है. कंपनी ने कहा है कि भले ही हिंजवड़ी (जहां ज्यादातर आईटी कंपनियां हैं) में अभी तेंदुआ नहीं दिखा है, लेकिन सावधानी बहुत जरूरी है. कंपनी ने कर्मचारियों से किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इन सुरक्षा निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील की है.

रात-दिन की शिफ्ट वालों के लिए 6 सबसे जरूरी बातें

  1. अंधेरा होने के बाद या सूर्योदय से ठीक पहले अकेले बाहर निकलने से बचें.
  2. पैदल चलने के बजाय, हमेशा ऑफिस ट्रांसपोर्ट, कारपूलिंग, या शेयर कैब का यूज करें.
  3. झाड़ियों, जंगल से सटे या सुनसान इलाकों से शॉर्टकट लेने से सख्त बचें. देर शाम, रात और तड़के फेज-2 कैंपस में अनावश्यक रूप से न जाएं.
  4. यदि आपको किसी भी संदिग्ध जानवर की गतिविधि दिखाई देती है, तो तुरंत सुरक्षा टीम को सूचित करें.
  5. सुरक्षा कर्मियों द्वारा दिए गए हर निर्देश का पालन करें.
  6. यदि तेंदुआ दिखाई दे, तो घबराएं नहीं, शांत रहें और दौड़ें नहीं, क्योंकि अचानक की गई हरकतें जानवर को उकसा सकती हैं.

तेंदुए से सरकार भी परेशान

पुणे में यह खतरा क्यों बढ़ रहा है? क्योंकि सरकार के पास भी इस समस्या का कोई आसान हल नहीं है. महाराष्ट्र के वन मंत्री ने खुद माना है कि तेंदुए इंसानों के इलाकों में ज्यादा आ रहे हैं क्योंकि उनकी आबादी बढ़ गई है और जंगल में उन्हें शिकार नहीं मिल रहा.

महाराष्ट्र सरकार के 'देसी' उपाय

तेंदुए को इंसानों से दूर रखने के लिए सरकार कुछ अजीबोगरीब कदम उठा रही है. मंत्री ने कहा कि लोगों के मरने पर मुआवजा देने से अच्छा है कि जंगल में बकरियां छोड़ दी जाएं. बकरी तेंदुए का शिकार बन जाएंगी और वे खाने के लिए इंसानी बस्तियों में नहीं आएंगे. इनकी आबादी कम करने के लिए नसबंदी पर भी विचार हो रहा है, लेकिन अभी इस पर रोक लगी है. सरकार जंगलों में फल वाले पेड़ लगवा रही है ताकि हिरण और बाकी जानवर बाहर न आएं, और उनका शिकार जंगल में ही रहे.

ये भी पढ़ें:- 'कांग्रेस की वोट चोर गद्दी छोड़' रैली में गायब हुई बुजुर्ग महिला पर अब नेता ने फोड़ा ठीकरा, कहा- 'लापरवाही हुई'

Featured Video Of The Day
IPL 2026 Auction: KKR बहा रही पैसा, कैमरून को 25.20 करोड़ में, मथीशा पथिराना को 18 करोड़ में खरीदा