भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नीत वाम मोर्चा और कांग्रेस ने त्रिपुरा में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को सीट बंटवारे को लेकर समझौता कर लिया. कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने यह जानकारी दी है. नामांकन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी. दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध था. 25 जनवरी को वाम मोर्चा ने 60 विधानसभा सीटों में से 47 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे और कांग्रेस के लिए महज़ 13 सीटें छोड़ी थी. इसके बाद कांग्रेस ने 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए थे.दोनों दलों के केंद्रीय नेताओं ने वाम मोर्चा के लिए 47 और कांग्रेस के लिए 13 सीटों के फॉर्मूले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए स्वीकार किया.
इसके बाद कांग्रेस ने 17 में से तीन उम्मीदवारों को वापस ले लिया. कांग्रेस के एक अन्य प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिराजीत सिन्हा ने कहा, “ माकपा और कांग्रेस के बीच आगामी विधानसभाच चुनाव के लिए सीट विभाजन समझौते को बृहस्पतिवार को अंतिम रूप दे दिया गया. यह नामांकन वापसी का अंतिम दिन था. समझौते के तहत कांग्रेस के तीन नेताओं ने अपने नामांकन वापस ले लिए.”उन्होंने कहा कि सीट बंटवारा समझौता होने से पहले अपना नामांकन दाखिल करने वाले माकपा के 13 उम्मीदवारों ने भी पर्चा वापस ले लिया है.
माकपा के वरिष्ठ नेता पबित्रा कर ने कहा कि सीट विभाजन को लेकर कांग्रेस के साथ गतिरोध को बातचीत के जरिए आखिरकार सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा, “ अब हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे ताकि भाजपा को हरा सकें जिसने जनता को बेवकूफ बनाया और पिछला चुनाव जीता.” सिन्हा ने कहा कि दोनों दल, भाजपा को हराने के लिए संयुक्त रूप से प्रचार करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले पांच साल के दौरान ‘लोकतंत्र का गला घोंटा' है.
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