CAA पर बयान देने वाले वकील सोमशेखर सुंदरेसन आखिरकार बॉम्बे हाईकोर्ट में जज नियुक्त

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सिफारिश दोहराने के दस महीने बाद नियुक्ति हुई, राष्ट्रपति ने नियुक्ति पर लगाई मुहर

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नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर बयान देने वाले वकील सोमशेखर सुंदरेसन को बॉम्बे हाईकोर्ट में जज नियुक्त करने को हरी झंडी दे दी गई. राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सिफारिश दोहराने के दस महीने बाद यह नियुक्ति हुई.

सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति को लेकर कड़ी फटकार के बाद सोमशेखर सुंदरेसन की नियुक्ति हुई है. पहले केंद्र ने इस पर आपत्ति जताई थी. इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र को जवाब दिया था. कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA पर बयान देने वाले एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन को जज बनाने की सिफारिश दोहराई थी. 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जज के रूप में एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन को नियुक्त करने की 2022  की सिफारिश दोहराई थी. कॉलेजियम ने कहा सोशल मीडिया पर अपने विचारों का उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए नहीं किया जा सकता है कि वह अत्यधिक पक्षपाती विचार वाला व्यक्ति है.  

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सभी नागरिकों को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी

कॉलेजियम ने सिफारिश में लिखा था कि, संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सभी नागरिकों को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है. एक उम्मीदवार द्वारा विचारों की अभिव्यक्ति उसे तब तक एक संवैधानिक पद धारण करने से वंचित नहीं करती है जब तक कि जज पद के लिए प्रस्तावित व्यक्ति सक्षमता, योग्यता और सत्यनिष्ठा वाला व्यक्ति है.  

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दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने चार अक्टूबर 2021 को एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन के नाम की सिफारिश की थी. 16 फरवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति के लिए सोमशेखर सुंदरेसन के नाम की सिफारिश की थी. 25 नवंबर, 2022 को सरकार ने उक्त सिफारिश पर पुनर्विचार की मांग की.  

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"अत्यधिक पक्षपाती विचारों वाले व्यक्ति" होने का अनुमान सही नहीं

केंद्र की आपत्ति यह थी कि उन्होंने  कई मामलों पर सोशल मीडिया में अपने विचार प्रसारित किए हैं जो अदालतों के विचाराधीन विषय हैं. हालांकि, सोमशेखर सुंदरेसन के नाम को दोहराते हुए कॉलेजियम ने कहा, जिस तरह से उम्मीदवार ने अपने विचार व्यक्त किए हैं, वह इस अनुमान को सही नहीं ठहराता है कि वह "अत्यधिक पक्षपाती विचारों वाले व्यक्ति" हैं या वह "सरकार की महत्वपूर्ण नीतियों, पहलों और निर्देशों पर सोशल मीडिया पर चुनिंदा आलोचनात्मक" रहे हैं. और न ही यह इंगित करने के लिए कोई सामग्री है कि उम्मीदवार द्वारा उपयोग किए गए भाव किसी भी राजनीतिक दल के साथ मजबूत वैचारिक झुकाव के साथ उसके संबंधों का संकेत देते हैं. 

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कॉलेजयम की ओर से कहा गया कि, एडवोकेट सुंदरेसन ने वाणिज्यिक कानून में विशेषज्ञता हासिल की है और यह बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए एक एसेट होगा जिसमें अन्य शाखाओं के अलावा वाणिज्यिक और प्रतिभूति कानूनों के मामले बड़ी मात्रा में हैं. इसलिए, कॉलेजियम बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सोमशेखर सुंदरेसन, एडवोकेट की नियुक्ति के लिए 16 फरवरी 2022 की अपनी सिफारिश को दोहराने का 
प्रस्ताव करता है. 

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