"बिना पर्याप्त बहस औऱ समीक्षा के पारित हो रहे कानून", बोले CJI एनवी रमना

CJI ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए विपक्ष को भी मजबूत करने की मांग होती है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
जयपुर में आयोजिन एक समारोह में बोल रहे थे सीजेआई
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधिश एनवी रमना ने देश में पारित हो रहे नए कानूनों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने जयपुर में आयोजित एक समारोह में कहा कि आज बिना विचार-विमर्श और समीक्षा के कानून पारित किए जा रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मौजूदा समय में राजनीति "कठोर हो गई है". CJI ने आगे कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए विपक्ष को भी मजबूत करने की मांग होती है. हमारे पास सरकार का एक रूप है जहां कार्यपालिका, राजनीतिक और संसदीय दोनों, विधायिका के प्रति जवाबदेह हैं. जवाबदेही लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है. मैनें कई मौकों पर संसदीय बहसों और संसदीय समितियों के महत्व पर प्रकाश डाला है. सही में मैं विधायी बहसों की प्रतीक्षा करता था. उस समय खास यह था कि विपक्ष के नेता प्रमुख भूमिका निभाते थे. सरकार और विपक्ष के बीच काफी आपसी सम्मान हुआ करता था. दुर्भाग्य से विपक्ष की गुंजाइश कम होती जा रही है. 

CJI एनवी रमना ने ये बातें जयपुर में आयोजित 18वीं भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की मीटिंग समारोह में कही. इस समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू, सुप्रीम कोर्ट के अन्य वरिष्ठ जज और राजस्थान हाइकोर्ट के जज भी मौजूद थे. बता दें कि CJI की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब कुछ दिन पहले खुद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कैदियों की जल्द रिहाई को कारगर बनाने के लिए 'जमानत अधिनियम' बनाने पर विचार करने को कहा था.  

बता दें कि CJI एनवी रमना ने बीते कुछ समय में न्यायपालिका की कार्यशैली और संविधान को सुचारू रूप से लागू कराने में इसकी भूमिका को लेकर भी टिप्पणी की है. उन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि भारत में सत्ता में मौजूद कोई भी दल यह मानता है कि सरकार का हर कार्य न्यायिक मंजूरी पाने का हकदार है, जबकि विपक्षी दलों को यह उम्मीद होती है कि न्यायपालिका (Judiciary) उनके राजनीतिक रुख और उद्देश्यों को आगे बढ़ाएगी लेकिन ‘न्यायपालिका संविधान और सिर्फ संविधान के प्रति उत्तरदायी' है. उन्होंने इस बात को लेकर निराशा जताई कि आजादी के 75 साल बाद भी लोगों ने संविधान द्वारा प्रत्येक संस्था को दी गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को नहीं समझा है.

Featured Video Of The Day
Top News: 5 मिनट में देखें इस वक्त की 25 बड़ी खबरें | Top Headlines |Hindi News | 08 September, 2025
Topics mentioned in this article