पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को समन्वय बनाते हुए प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए ताकि युवाओं को न्याय मिल सके. गहलोत ने 'एक्स' पर लिखा, ‘‘हमारी लंबे समय से मांग थी कि भारत सरकार प्रश्नपत्र लीक पर सख्त कानून बनाए जिस पर अब संसद में विधेयक पेश हुआ है.''
गहलोत के अनुसार, ‘‘देश में सबसे पहले हमने राजस्थान में प्रश्नपत्र लीक पर उम्रकैद और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का कानून बनाया था. अब भारत सरकार 10 साल की सजा और एक करोड़ रुपए जुर्माने का कानून बना रही है.''
कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘‘भारत सरकार और सभी राज्य सरकारों को समन्वय स्थापित कर प्रश्नपत्र लीक के विरुद्ध कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए जिससे युवाओं के साथ न्याय सुनिश्चित हो सके.''
उल्लेखनीय है कि सरकारी भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक तथा फर्जी वेबसाइट जैसी अनियमितताओं के खिलाफ तीन साल से 10 साल तक की जेल और न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने के प्रावधान वाले ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024' को मंगलवार को लोकसभा ने पारित कर दिया.