केंद्रीय मंत्रिमडल ने बुधवार को बीमा कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी. इससे क्षेत्र में 74 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का रास्ता साफ हो गया है. फिलहाल, जीवन और साधारण बीमा क्षेत्र में मालिकाना हक और प्रबंधन नियंत्रण भारतीय के पास होने के साथ स्वीकार्य एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत है. सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल ने बैठक में बीमा कानून, 1938 में संशोधन को मंजूरी दे दी.
वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने 2021-22 के बजट में कहा था, ‘‘मैं बीमा कंपनियों में एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने और जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी इकाइयों को मालिकाना हक और नियंत्रण की अनुमति देने के लिये बीमा कानून, 1938 में संशोधन का प्रस्ताव करती हूं.''
इससे पहले, 2015 में बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया था.
एफडीआई सीमा बढ़ाये जने से देश में जीवन बीमा की पैठ बढ़ेगी. जीवन बीमा प्रीमियम जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के प्रतिशत के रूप में 3.6 प्रतिशत है जो वैश्विक औसत 7.13 प्रतिशत के मुकाबले कम है. वहीं साधारण बीमा के मामले में यह जीडीपी का 0.94 प्रतशत है जबकि वैश्विक औसत 2.88 प्रतिशत है.
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