लालू यादव को बेटे ने पहनाया मुकुट, क्या फिर से सत्ता के सिंहासन की चाह?

Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में लालू यादव को तेजस्वी यादव ने एक मुकुट पहनाया. क्या यह लालू की फिर से सत्ता के सिंहासन पर आरूढ़ होने की इच्छा का संकेत था?

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राष्ट्रीय जनता दल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में लालू यादव.
नई दिल्ली:

लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) क्या फिर से बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं? सत्ता से लंबे अरसे से दूर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और बिहार के दिग्गज नेता लालू यादव के तेवर अब भी नरम नहीं हुए हैं. शुक्रवार को पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में लालू यादव को तेजस्वी यादव ने एक मुकुट पहनाया. क्या यह लालू की फिर से सत्ता के सिंहासन पर आरूढ़ होने की इच्छा का प्रदर्शन था? इस कार्यक्रम में लालू प्रसाद यादव ने दावा किया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कमजोर है और वह एक महीने के अंदर गिर सकती है. उन्होंने बिहार सरकार के भी समय पूर्व गिरने की संभावना जताई. 

बिहार के गोपालगंज में जन्मे लालू यादव पिछले माह 77 साल के हो गए. लंबा राजनीतिक सफर तय करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्रीय रेल मंत्री रह चुके लालू यादव की प्रधानमंत्री बनने की भी बहुत पुरानी इच्छा रही है. वे अपनी यह इच्छा कई मौकों पर जाहिर भी कर चुके हैं.    

''पीएम बनने का किसका नहीं करता मन''

पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान राजनीति में आए लालू यादव से जुड़ा एक किस्सा 22 जुलाई 2008 का है. तब यूपीए सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे. उन्होंने तब संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में कहा था कि, "किसे प्रधानमंत्री बनने का मन नहीं करता... मेरा भी मन करता है, मायावती का भी मन करता है... दलित-पिछड़े या अल्पसंख्यक को कोई पीएम बनने देता है? उन्होंने यह भी कहा था कि, पीएम बनने का मन तो मेरा भी करता है पर मुझे हड़बड़ी नहीं है.

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लालू प्रसाद यादव देश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं. उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने 5 जुलाई 1997 को राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था. वे पिछले 28 साल से अपनी इस पार्टी के अध्यक्ष हैं. उन्हें चारा घोटाले के मामले में सजा होने से वे चुनाव नहीं लड़ सकते. 

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सजा ने किया सत्ता से दूर

लालू यादव को चारा घोटाला मामले में अक्टूबर 2013 में सजा सुनाई गई थी. वे उस समय बिहार के सारण लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे. इस मामले में लालू को पांच साल की सजा सुनाई गई. सजा मिलने के दौरान वे जेल में बंद थे. सजा के ऐलान के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. लालू यादव को पांच साल की सजा पूरी करने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया गया. इस तरह लालू तब 11 साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए. 

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जयप्रकाश नारायण (जेपी) के विद्यार्थी आंदोलन के दौरान तेजतर्रार छात्र नेता रहे लालू यादव ने लंबा समय जेल में काटा है और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करते रहे हैं. अब भले ही वे वृद्ध हो चुके हैं, लेकिन उनके जोश में कमी नहीं आई है. शुक्रवार को पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में वे केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर बरसे.  

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मोदी सरकार के जल्द गिरने का दावा

लालू प्रसाद यादव ने दावा किया कि केंद्र की मोदी सरकार एक महीने के अंदर गिर सकती है. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से ऐसी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा. हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में आरजेडी की सीटें पांच साल पहले हुए चुनाव की तुलना में बढ़ गई हैं. पार्टी के वोट प्रतिशत में भी सुधार हुआ है. लालू यादव ने बिहार में मध्यावधि विधानसभा चुनाव होने की संभावना भी जताई.  

हालांकि बीजेपी ने लालू के मोदी सरकार के गिरने के दावे को खारिज कर दिया. बीजेपी ने कहा कि बीमार लालू यादव को ‘मतिभ्रम' हो रहा है. लोकसभा चुनाव के नतीजों ने पीएम मोदी के नेतृत्व में लोगों के विश्वास की पुष्टि है. बीजेपी की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि लालू यादव ‘‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने'' देख रहे हैं.

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