- मुंबई में लालबागचा राजा के इस वर्ष के दिव्य स्वरूप की पहली झलक रविवार को भक्तों के सामने आई.
- प्रतिमा में बप्पा के हाथ में चक्र, सिर पर मुकुट और बैंगनी रंग की धोती ने विशेष आकर्षण प्रदान किया.
- लालबागचा राजा मुंबई की आस्था, विश्वास और परंपरा का प्रतीक है, जो 11 दिनों तक दर्शन देती है.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में गणेश भक्तों की प्रतीक्षा आखिरकार समाप्त हुई जब रविवार को 'लालबागचा राजा' के इस वर्ष के दिव्य स्वरूप की पहली झलक सामने आई. जैसे ही दर्शन समारोह शुरू हुआ, पूरे पंडाल में भक्ति और उल्लास का माहौल छा गया. जयकारों की गूंज ने मानो पूरे शहर को गणपति बप्पा के आगमन की सूचना दे दी.
इस बार बप्पा का रूप अत्यंत मनमोहक और अलौकिक है. उनके हाथ में चक्र, सिर पर भव्य मुकुट और बैंगनी रंग की धोती ने इस प्रतिमा को विशेष बना दिया है. जैसे ही भक्तों ने इस रूप के दर्शन किए, पूरा मंडप "गणपति बप्पा मोरया" के नारों से गूंज उठा.
लालबागचा राजा सिर्फ एक प्रतिमा नहीं, बल्कि मुंबई की आस्था, विश्वास और परंपरा का प्रतीक है. हर साल गणेश चतुर्थी पर स्थापित की जाने वाली यह प्रतिमा 11 दिनों तक भक्तों को दर्शन देती है और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन गिरगांव चौपाटी पर विसर्जित की जाती है.
इस वर्ष गणेशोत्सव 27 अगस्त से पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन मुंबई में तैयारियां पहले से ही चरम पर हैं. 'नवसाला पावणारा गणपती' के रूप में प्रसिद्ध लालबागचा राजा के प्रथम दर्शन के लिए न केवल मुंबई, बल्कि पूरे महाराष्ट्र से हजारों श्रद्धालु पहुंचे.
रविवार को हुए प्रथम दर्शन समारोह में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की भारी भीड़ उमड़ी. कई भक्त तो घंटों पहले से ही कतार में खड़े थे ताकि सबसे पहले अपने प्रिय बप्पा के दर्शन कर सकें.
मंडप की सजावट, सुरक्षा व्यवस्था और दर्शन प्रक्रिया इस बार भी बेहद व्यवस्थित है. लालबागचा राजा के पहले दर्शन ने मानो पूरे शहर में गणेशोत्सव की शुरुआत कर दी है.