कांग्रेस (Congress) महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) की महिला-केंद्रित "लड़की हूं, लड़ सकती हूं" अभियान का उत्तर प्रदेश में एक बड़ा असर देखने को मिला है. राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए आज हजारों महिलाओं ने झांसी और लखनऊ में आयोजित कांग्रेस की मैराथन दौड़ में भाग लिया. इस मैराथन में युवतियों की लंबी कतार सड़कों पर दौड़ती दिखी.
कांग्रेस द्वारा इस मैराथन दौड़ का वीडियो ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है. वीडियो में दिख रहा है कि लखनऊ और झांसी में मैराथन दौड़ में बड़ी भीड़ उमड़ी है, जबकि जिला प्रशासन ने ओमिक्रॉन स्ट्रेन के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए मैराथन के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
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प्रशासन के इनकार के बाद झांसी में पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया लेकिन लड़कियों ने भी घर लौटने से इनकार कर दिया और दौड़ में शरीक होकर मानीं.
कांग्रेस द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "राज्य सरकार को तब कोई समस्या नहीं हुई, जब एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया और वहां लाखों छात्र जुटाकर लैपटॉप वितरित किए गए थे, तो फिर अब क्यों दिक्कत हो रही है?"
कांग्रेस ने दोनों मैराथन में पहले तीन विजेताओं के लिए स्कूटी की घोषणा की है और चौथे से 25वें स्थान पर आने वालों को स्मार्टफोन देने का एलान किया गया है. अगले 100 को फिटनेस बैंड, जबकि अगली 1,000 महिलाओं को पदक दिया जाना है. पार्टी ने मैराथन प्रतिभागियों के लिए प्रवेश शुल्क नहीं लिया था.
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए महिला-केंद्रित घोषणाओं की संख्या बढ़ गई है. कांग्रेस, जो पिछले कई चुनावों में राज्य में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है, ने लिंग समानता का मुद्दा उठाते हुए चुनावों में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान किया है. कांग्रेस इसी बहाने हाथरस में दलित युवती से हुई गैंगरेप मामले और उन्नाव मामले के बहाने बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है.