सोनम वांगचुक से जुड़ा पाकिस्तानी खुफिया एजेंट गिरफ्तार: लद्दाख के DGP

लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जामवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांगचुक की पाकिस्तान यात्राओं पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि वांगचुक पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

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  • सोनम वांगचुक हिंसा भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में गिरफ्तार
  • पुलिस महानिदेशक जामवाल ने सोनम वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा को लेकर उठाए सवाल
  • वांगचुक पर केंद्र और राज्य की बातचीत को विफल करने और पाक खुफिया एजेंट से संपर्क में होने का आरोप
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लेह:

लद्दाख में हुई हिंसा के बाद सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है. सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पर भीड़ को उकसाने, हिंसा भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसी बीच इस मामले में पाकिस्तान का एंगल भी सामने आ रहा है. लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जामवाल ने आज दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांगचुक की पाकिस्तान यात्राओं पर सवाल उठाए.

पाकिस्तान से जुड़ाव का आरोप

लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एस.डी. सिंह जमवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सोनम वांगचुक पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे और उन पर केंद्र के साथ राज्य के दर्जे की बातचीत को विफल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने वांगचुक की गिरफ्तारी से जुड़े एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट (पीआईओ) की गिरफ्तारी और कार्यकर्ता के पाकिस्तानी लोगों के संपर्क में होने के सुरागों के बारे में भी जानकारी दी.

डीजीपी एनडीटीवी के सवाल पर क्या बोले

एनडीटीवी के एक सवाल के जवाब में डीजीपी जामवाल ने कहा, "हमने हाल ही में एक पाकिस्तानी पीआईओ को भी गिरफ्तार किया है जो उनके संपर्क में था और उन्हें रिपोर्ट कर रहा था, हमारे पास इसका रिकॉर्ड है. वांगचुक पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, उन्होंने बांग्लादेश का भी दौरा किया था." बाद में एनडीटीवी के आदित्य राज कौल से पीआईओ के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमें एक व्यक्ति मिला जो चीज़ें भेज रहा था, हमने उस व्यक्ति को निगरानी में रखा है."

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वांगचुक की यात्राओं पर क्यों नजर

पुलिस प्रमुख ने वांगचुक की कुछ विदेश यात्राओं को संदिग्ध बताते हुए कहा, ‘‘उन्होंने पाकिस्तान में द डॉन के एक कार्यक्रम में भाग लिया और बांग्लादेश भी गए.'' वांगचुक, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और केंद्रशासित प्रदेश को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर ‘लेह एपेक्स बॉडी' और ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस' द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हैं. वांगचुक ने आंदोलन के मंच को अपने नियंत्रण में लेने और केंद्र सरकार व लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच जारी संवाद को कमजोर करने की कोशिश की.

शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लद्दाख के नेताओं को छह अक्टूबर को बातचीत के एक नए दौर के लिए आमंत्रित किया है. जामवाल ने बताया कि वांगचुक जानते थे कि दोनों पक्षों के बीच 25 सितंबर को एक अनौपचारिक बैठक होने वाली है, इसके बावजूद उन्होंने अपना अनशन जारी रखा. जामवाल ने आरोप लगाया, ‘‘अनौपचारिक बैठक से ठीक एक दिन पहले, भड़काऊ वीडियो और बयानों के जरिए शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई. इसी के चलते बुधवार को हिंसा हुई, जिसमें कई जानें गईं.''

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