क्या जेल से सरकार चला पाएंगे केजरीवाल, क्या कहता है जेल मैनुअल?

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ ऑफिसर ने कहा कि जेल से सरकार चलाना आसान (Arvind Kejriwal Arrest In Delhi Liquar Policy Case) नहीं है. जेल मैनुअल के मुताबिक, हफ़्ते में दो बार ही घर वालों या दोस्तों से या किसी और से मिला जा सकता है.

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क्या केजरीवाल जेल से सरकार चला पाएंगे.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

दिल्ली शराब नीति मामले में गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal Arrest By ED) को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. अब उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. आज उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हो सकती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जेल से अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे. दिल्ली सरकार में केजरीवाल के बाद दूसरे नंबर की आप नेता आतिशी ने कहा,  "अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे." क्या अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चला सकते हां, यह जानने के लिए NDTV ने तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ ऑफिसर से बात की. उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल के लिए जेल से सरकार चलाना कितना संभव है.

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जेल से सरकार चलाना कितना आसान?

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ ऑफिसर ने कहा कि जेल से सरकार चलाना आसान नहीं है. जेल मैनुअल के मुताबिक, हफ़्ते में दो बार ही घर वालों या दोस्तों से या किसी और से मिला जा सकता है.  उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल को हफ्ते में दो बार लोगों से मिलने की परमिशन मिलती है तो उससे सरकार नहीं चलेगी. जेल नियमों के हिसाब से किसी जगह को जेल डिक्लेयर किया जा सकता है. यानी कि घर को भी जेल डिक्लेयर किया जा सकता है. हाउस अरेस्ट इसी का एक उदाहरण है. पूर्व लॉ ऑफिसर ने कहा कि ये पावर एडमिनिस्ट्रेटर यानी LG के पास है कि किसी बिल्डिंग को जेल डिक्लेयर कर सकते हैं. 

किसी जगह को टेंपरेरी जेल बनाना कितना आसान?

उन्होंने बताया कि सुब्रतो राय सहारा के मामले में ऐसा हो चुका है कि कोर्ट कॉम्प्लेक्स को ही जेल डिक्लेयर कर दिया गया था. अब अगर ऐसा हो जाए तो बिना किसी व्यवधान के अरविंद केजरीवाल जेल से ही सरकार चला सकते हैं. बड़ा सवाल यह है कि क्या इस चीज के लिए कोई परमिशन देगा. पूर्व लॉ ऑफिसर ने कहा कि इसमें पूरा रोल एडमिनिस्ट्रेटर का होता है. क्या एडमिनिस्ट्रेटर इस बात को मानेंगे कि किसी बिल्डिंग को जेल डिक्लेयर कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि जेल मैनुअल में ऐसा कोई प्रोविजन नहीं है कि कोई  MP, MLA जेल से काम कर सके, चीफ मिनिस्टरशिप तो बहुत दूर की बात है. किसी जगह को टेंपरेरी जेल बनाया जाना LG (एडमिनिस्ट्रेटर) की हामी पर मुमकिन है.

क्या कहता है प्रिजन एक्ट?

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ ऑफिसर ने कहा कि कोर्ट कॉम्प्लेक्स को सुब्रतो राय के मामले में जेल डिक्लेयर किया गया था और उनको वहां तमाम फैसिलिटीज दी गई थीं. उन्होंने कहा कि तिहाड़ जेल में अगर CM को रखते हैं तो वहां से सरकार चलाना मुश्किल है, क्योंकि सिक्योरिटी बड़ा आस्पेक्ट्स हैं. किसी बिल्डिंग को अगर स्पेशल जेल डिक्लेयर किया जाता है तो ये मुमकिन है. प्रिजन एक्ट में यह है कि आप किसी बिल्डिंग को स्पेशल जेल डिक्लेयर कर सकते हैं. आम हो या खास सबके लिए जेल में हफ्ते में दो बार मुलाकात का ही प्रावधान है. पहले कभी B Class और C क्लास होता था लेकिन अब ऐसा नहीं है.

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