उत्‍तराखंड के एक अधिकारी ने कुंभ मेले से बड़े स्‍तर पर कोरोना फैलने से किया इनकार, दूसरा जता रहा आशंका..

मेला अधिकारी ने कहा क‍ि हम लोगों को निगेटिव RT PCR रिपोर्ट के बाद ही इजाजत दे रहे हैं. हमारी टीम ने अच्‍छा काम किया है, प्रबंधन अच्‍छे से हो रहा है.

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हरिद्वार में कुंभ मेले में लाखों की संख्‍या में श्रद्धालु पहुंचे हैं (फाइल फोटो)

उत्‍तराखंड सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात से इनकार किया है कि हरिद्वारा में आयेाजित हो रहा कुंभ मेला (Kumbh Mela) कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का 'वाहक' बन रहा है. सरकार की ओर से कहा गया है कि मेले से कोरोना फैलने के आसार नहीं के बराबर है. मेला ऑफिसर, IAS दीपक रावत ने NDTV से बातचीत के दौरान कहा, मेरा पुलिस को निर्देश है कि जिस दिन बड़े स्तर पर भीड़ एकत्र न हो रही हो और शाही स्‍नान न हो, उस दिन आप लोगों को मास्‍क और सोशल डिस्‍टेंसिंग के उपाय के लिए प्रेरित करें और हम यह कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि ऑन द स्‍पॉट चालान की व्‍यवस्‍था पॉजिटिव की बजाय प्रतिकूल ही असर दिखा सकती है. मेला अधिकारी के इस बयान से अलग, दूसरी ओर आईजी का कहना है कि आईजी पुलिस का कहना है कि कुंभ मेला सुपर स्‍प्रेडर बन सकता है, इस आशंका सेे इनकार  नहीं किया जा सकता 

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मेला ऑफिसर, IAS दीपक रावत बातचीत के प्रमुख अंश..

सवाल: क्‍या कुंभ, कोरोना के लिहाज से 'सुपर स्‍प्रेडर' नहीं बना रहा. लाखों की संख्‍या में यहां आए लोग अपने राज्‍यों में वापस जाएंगे?
जवाब: मुझे लगता है कि मैंने जो शुरुआत में कहा, आपने वह नहीं सुना कि हम लोगों को निगेटिव RT PCR रिपोर्ट के बाद ही इजाजत दे रहे हैं. ऐसे में हरिद्वार में रुक रहे लोगों के बीच कोरोना प्रसार जैसी आशंका नहीं के बराबर है. हम टेस्‍ट कर रहे हैं.

सवाल: हरिद्वार में करीब 600 आए हैं, ये भी तो उनके संपर्क में आ सकते हैं?
जवाब: हम इस बारे में पूरी सतर्कता बरत रहे हैं और आबादी के सभी हिस्‍से में नियमित रूप से टेस्‍ट हो रहे हैं.

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सवाल: कोई संख्‍या? 
जवाब: आठ बजे तक छह लाख लोग स्‍नान कर चुके हैं लेकिन स्‍नान अन्‍य घाट पर भी हो रहा है, ऐसे में सही संख्‍या बाद में पता चलेगी. पिछले स्‍नान में 30 लाख श्रद्धालुओं की संख्‍या के साथ कुंभ, मेला प्रबंधन के लिए बड़ी चुनौती है लेकिन हमारी टीम ने अच्‍छा काम किया है, प्रबंधन अच्‍छे से हो रहा है.

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सवाल: कुंभ मेला प्रभारी के तौर पर आपकी प्राथमिकताएं?
जवाब: लोगों-श्रद्धालुओं को अच्‍छा अनुभव देना, गंगा का स्‍वच्‍छ पानी, साफसुथरे टॉयलेट, वेस्‍ट मैनेजमेंट और अच्‍छा अनुभव.

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सवाल: अधिकारियों के लिए घाटों पर सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन कराना संभव नहीं हो रहा है. इस बारे में क्‍या किया जा रहा है?
जवाब: पहली बात यह  है कि हम अनिवार्य रूप से निगेटिव RT PCR मांग रहे हैं. जहां बड़ी संख्‍या में लोग मौजूद हैं वहां टेस्‍ट किए जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में हमने करीब 80 हजार टेस्‍ट किए हैं. कोविड केंद्र पर 10 हजार बेड के लिए स्‍पेस है. किसी आपदा की स्थिति में हमारी पूरी तैयारी है.  

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सवाल: सोशल डिस्‍टेसिंग और मास्‍क बिहेवियरन का जमीनी स्‍तर पर अमल होता नजर नहीं आ रहा? 
जवाब: मेरा पुलिस को निर्देश है कि जिस दिन बड़े स्तर पर भीड़ एकत्र न हो रही हो और शाही स्‍नान न हो, उस दिन आप लोगों को मास्‍क और सोशल डिस्‍टेंसिंग के उपाय के लिए प्रेरित करें और हम यह कर रहे हैं. जहां तक ऑन द स्‍पॉट चालान की बात है तो यह व्‍यवस्‍था पॉजिटिव की बजाय विपरीत असर दिखाएंगी.

सवाल: केंद्र सरकार की SOPs, खासतौर पर मास्‍क और सोशल डिस्‍टेसिंग, इनका यह उल्‍लंघन नहीं हो रहा?
जवाब: मैं यह कहना चाहता कि मेरी प्राथमिकता अभी भगदड़ जैसी स्थिति की नौबत से बचना है. अगर हम कोई भी प्रतिबंधात्‍मक कार्रवाई (preventive action) करेंगे तो इससे बड़ा बड़ा खतरा हो सकता है.

सवाल: आपके पास भगदड़ की स्थिति को बचाने या महामारी को रोकने जैसे मुश्किल विकल्‍प हैं? 
जवाब: यह मुश्किल विकल्‍प है लेकिन हमें वह चुनना है जो लोगों के लिए ज्‍यादा लाभदायक हो.

सवाल: एक और बात, हाईकोर्ट के आदेश के लिहाज से टेस्टिंग काफी कम हो रही है. हाईकोर्ट ने 50 हजाकर टेस्टिंग की अनुशंसा की है लकि आप 25 हजार के पास हैं?
जवाब : आपके आंकड़े सही नहीं हैं. हमने पिछले 24 घंटों में 60 हजार के आंकड़े को छू लिया है.

सवाल: हमारे पास जो आंकड़े हैं, वह राज्‍य की बुलेटिन से हैं? 
जवाब: मुझे ऐसा नहीं है, आपको पहले अपने आंकड़ों को देखना चाहिए.

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