- हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली में बादल फटने से भारी बारिश और भूस्खलन से व्यापक तबाही हुई है.
- कुल्लू जिले में इस आपदा से लगभग एक सौ एक करोड़ रुपए का नुकसान और निजी संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ है.
- बादल फटने के कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं, और पांच सौ से अधिक ट्रांसफॉर्मर बिजली आपूर्ति के लिए ठप हो गए हैं.
Kullu Cloud Burst: हिमाचल प्रदेश में मानसून शुरू होने के बाद से तबाही का सिलसिला लगातार जारी है. पहले बारिश और बाढ़ से प्रदेश की हालत पस्त हुई. अब जाते-जाते भी मानसून ऐसी आपदाएं दिखा रहा है कि लोग सहम जा रहे हैं. कुल्लू और मनाली में बादल फटने से भयानक तबाही मची है. आधिकारिक रूप से इस आपदा से अभी तक 101 करोड़ रुपए के नुकसान की बात कही जा रही है. यहां बादल फटने के बाद ऐसा भयानक सैलाब की कि सड़के, पुल, घर, मकान, दुकान सब तबाह हो गए. कुल्लू में भी लगातार बारिश और भूस्खलन से हालत खराब है. यहां कई जगहों पर बादल फटने की वजह से आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मलबा गिरने की वजह से सड़कें जाम हैं तो पहाड़ पर रह रहे लोगों को संकट का सामना करना पड़ता है.
कुल्लू में बादल फटने के बाद की स्थिति को समझने के एनडीटीवी की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची. जहां इस सिचुएशन को फेस कर रहे स्थानीय लोगों ने अपनी आपबीती बताई.
रात एक बजे से हो रही थी बारिश, 3.30 बजे धमाके जैसी आाज
कुल्लू में स्थानीय रेतराम इस हादसे के चश्मदीद हैं. उन्होंने बताया कि रात को 1:00 के बाद बारिश शुरू हो गई. सभी लोग अपने-अपने घरों में सो रहे थे. तभी रात को 3:30 के करीब बहुत भयंकर आवाज पहाड़ियों से आई. उस वक्त पूरी कॉलोनी उठ गई और सब भाग कर बाहर आ गए. बादल फटने की वजह से बहुत तेज आवाज आई और नाले का जलस्तर काफी बढ़ गया.
मलबे को हटाने में लगी जेसीबी.
मकान में रखा सामान भी बर्बाद, दूसरे के घर में रहे रहे पीड़ित
रेतराम ने आगे बताया कि जो गाड़ियां साइड में लगी थी और कुछ स्कूटी उनको भी नुकसान हुआ. मकान में रखा सामान बर्बाद हो गया. हम लोग अब दूसरों के घर में रह रहे हैं. सड़क बंद होने की वजह से सामान भी ऊपर नहीं पहुंच पा रहा. बादल फटा तो धमाके जैसी आवाज आई. करीब 4 घंटे का मंजर था सुबह 8:00 बजे तक लगातार तबाही जारी थी.
बादल फटने की वजह से शास्त्री नगर में रह रहे लोगों के घरों में पानी घुस गया तो कई लोगों के घर तबाह हो गए. इस तबाही की विभीषिका झेले देख लोग अब परेशान हैं और दूसरों के घरों में रहने को मजबूर हैं.
एक अन्य स्थानीय झानूराम ने बताया कि अभी थोड़ी देर पहले एक पत्थर ऊपर से नीचे आया, मेरा एक कमरा आगे और एक पीछे था दोनों नुकसान हो गया. हम लोगों को रहने की बहुत दिक्कत हो रही है. रात को 3:30 बजे आपदा आई. हमारा सामान नुकसान हुआ. कुल मिलाकर इस तबाही ने लोगों की जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है.
हालांकि, अब कुल्लू में मौसम साफ है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि जो प्राकृतिक आपदा आई है उसने लोगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है और लगातार कोशिश जारी है कि कैसे स्थिति को सामान्य किया जाए.
डीसी ने बताया- जिले में लगभग 101 करोड़ का नुकसान
कुल्लू के डीसी कुल्लू तोरुल एस रविश ने हालात का जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए. डीसी तोरुल एस. रवीश ने कहा कि भूतनाथ ब्रिज के पास की सड़क क्षतिग्रस्त है. जिले में लगभग 101 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि निजी संपत्ति का नुकसान लगभग 1.8 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. अभी भी पटवारियों द्वारा नुकसान का सटीक आकलन किया जा रहा है.
103 सड़के बंद, 500 ट्रांसफॉर्मर ठप
डीसी ने आगे बताया कि कंडीकटोला रोड के पास लैंड स्लाइड की वजह से बहुत सारी गाड़ियां फंसी हैं, जिनको निकालना हमारी प्राथमिकता है. लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जिले में अब तक 103 सड़कें बंद हो चुकी हैं. बिजली आपूर्ति के लिए लगे कुल्लू डिवीजन में 81 ट्रांसफॉर्मर, जबकि थलौट डिवीजन (बंजार-सैंज क्षेत्र) में 500 ट्रांसफॉर्मर ठप हैं. 64 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनकी मरम्मत का काम जारी है.
कणौण गांव में आई तबाही
उन्होंने कहा कि बीती रात भी ऊपरी इलाकों में हालात बिगड़े. देर रात करीब तीन बजे कुल्लू की लगघाटी के नाले में बादल फटने से आए सैलाब में कणौण गांव की दो दुकानें, दो पुलिया और सड़क किनारे खड़े वाहन बह गए. इसका असर सरवरी नदी में भी दिखा. तेज बहाव में एक छोटा पुल और सड़क का हिस्सा बह गया.