कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार और उसके भाई को हुई सजा, जानें इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

कृष्णानंद राय से मुख्‍तार के भाई अफजल अंसारी चुनाव हार गए. मुख्तार पर आरोप है कि‍ उन्‍होंने शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी और अतिकुर्रह्मान उर्फ बाबू की मदद से गोडउर के पास 5 साथियों सहि‍त कृष्णानंद राय की हत्या करवा दी थी.

Advertisement
Read Time: 24 mins

उत्तर प्रदेश में माफियाओं के टॉप लिस्ट में शामिल मुख्तार अंसारी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सज़ा सुनाई है. साथ ही उनके भाई और बीएसपी के सांसद अफजाल अंसारी (BSP MP Afzal Ansari) को भी एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. पूर्वांचल के मऊ से विधायक बने माफ़िया नेता मुख़्तार अंसारी(Mukhtar Ansari) की अपराधों की लिस्ट काफी लंबी है. लेकिन उनके जुल्मों में सबसे चर्चित गाजीपुर का हत्याकांड है. साल 2005 में मोहम्मदाबाद के तत्कालीन BJP विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी.

क्या चुनावी रंजिश में हुई थी हत्या?
अक्टूबर 2005 में मऊ में हिंसा भड़की. इसके बाद मुख़्तार पर कई आरोप लगे, जिन्हें खारिज कर दिया गया. इसी दौरान उन्होंने गाजीपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, तभी से वे जेल में बंद हैं. कहानी तब शुरू हुई जब कृष्णानंद राय से मुख्‍तार के भाई अफजल अंसारी चुनाव हार गए. मुख्तार पर आरोप है कि‍ उन्‍होंने शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी और अतिकुर्रह्मान उर्फ बाबू की मदद से गोडउर के पास 5 साथियों सहि‍त कृष्णानंद राय की हत्या करवा दी थी.

6 एके-47 राइफलों से बरसाई गई थी 400 से अधिक गोलियां
कृष्णानंद राय मर्डर केस- साल 2005 में मुख्तार अंसारी जेल में बंद थे. इसी दौरान बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय को उनके 6 साथियों सहि‍त सरेआम गोलीमार हत्या कर दी गई. हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थी. मारे गए सातों लोगों के शरीर से 67 गोलियां बरामद की गई थी. इस हमले का एक महत्वपूर्ण गवाह शशिकांत राय 2006 में रहस्यमई परिस्थितियों में मृत पाया गया था.

Advertisement

कृष्णानंद राय के काफिले पर हमला करने वालों में से अंसारी और बजरंगी के निशानेबाजों अंगद राय और गोरा राय को पहचान लिया था. मुख्तार अंसारी पर तकरीबन 61 मुकदमे दर्ज हैं जिसमें से एक दर्जन से अधिक मामले विचाराधीन है.

Advertisement

21 फरवरी 2006 में BJP विधायक हत्याकांड में यूपी पुलिस की तरफ से पहली चार्जशीट फाइल हुई. इसमें एजाजुल हक, अफजाल अंसारी, प्रेमप्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी, अताउररहमान और फिरदौस का नाम शामिल था.  वहीं, 2006 में ही यूपी पुलिस ने इस मामले में दूसरी चार्जशीट दाखिल की, जिसमें मुख्तार अंसारी को भी आरोपी बनाया गया.

Advertisement

2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसना शुरू हुआ. अब तक उसकी सैकड़ों करोड़ की नामी और बेनामी संपत्तियों पर बुलडोजर चल चुका है और जब की जा चुकी है. लेकिन अब कोर्ट ने बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को एमपी/एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सज़ा सुनाई है. साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी (BSP MP Afzal Ansari) को भी एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. सांसद अफजाल अंसारी को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया है.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- 
कैसे कोयला की ठेकेदारी करते-करते माफिया बना मुख्तार अंसारी, पढ़े 10 बातें
गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख़्तार को 10 साल और उसके बड़े भाई अफ़ज़ाल को 4 साल की सज़ा

Featured Video Of The Day
Mumbai में Team India के Victory Parade का ये होगा रूट, Wankhede Stadium में रुकेगा काफिला