कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के आरोप में एक सिविक पुलिस स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी की पहचान संजय रॉय के रूप में हुई है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को सियालदाह की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने आरोपी को शनिवार को 14 दिन (23 अगस्त तक) की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने कई बार पूछे जाने के बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसके पेशे की पुष्टि नहीं की.
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के अनुसार, परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और रात्रि ड्यूटी के दौरान मौजूद चिकित्सकों की गवाही के आधार पर आरोपी पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी की गई और प्रक्रिया के दौरान मृतका के परिवार के सदस्य मौजूद थे. पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘जहां तक आरोपी की बात है, तो अपराध में उसकी गहरी संलिप्तता है. वह बड़ा अपराधी है.''
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "वह चाहे जो भी हो, वह अपराधी है क्योंकि उसने बहुत जघन्य अपराध किया है. उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसके खिलाफ सबूत जुटाए गए हैं. हम इस घटना से बेहद दुखी हैं. हम परिवार के सदस्यों और डॉक्टरों के साथ हैं. हम एक पारदर्शी जांच प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं. अगर परिवार की ओर से किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग की जाती है, तो हमें कोई समस्या नहीं है."
इस गलती की वजह से पकड़ा गया आरोपी
अपराध स्थल पर पुलिस को एक ब्लूटूथ हेडफोन मिला था. इस ब्लूटूथ हेडफोन की वजह से पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई. दरअसल ब्लूटूथ हेडफोन रॉय का था. यह इस मामले में उसके खिलाफ मुख्य सबूत बन गया. इसके अलावा वो सीसीटीवी फुटेज में भी घटना के संभावित समय देखा गया. पुलिस ने घटनास्थल से अन्य साक्ष्य भी जमा किए है.
आरोपी को कड़ी सजा दी जाएगी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकल्प लिया कि वह अपराधी के लिए मौत की सजा सुनिश्चित करेंगी. बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मामले की सुनवाई ‘त्वरित' अदालत में हो. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग को लेकर कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन उचित है. उन्होंने एक बांग्ला समाचार चैनल पर कहा, “मैं कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा की जा रही मांगों का समर्थन करती हूं. मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने अपने परिवार में किसी को खो दिया है.”
बनर्जी ने कहा कि यदि मांग की जाती है तो पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) सहित किसी भी एजेंसी से मामले की जांच कराने पर कोई आपत्ति नहीं है.
इस घटना को वीभत्स और घृणित बताते हुए उन्होंने विभिन्न सरकारी अस्पतालों के कनिष्ठ चिकित्सकों से विरोध प्रदर्शन के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं जारी रखने का आग्रह किया. दूसरी ओर बर्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा बांकुरा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज सहित कुछ जिलों के अस्पतालों में भी प्रदर्शन किया गया. उन्होंने महिला चिकित्सक का यौन उत्पीड़न और हत्या करने में संलिप्त लोगों को कड़ी सजा देने तथा अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग की.