कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर 13 घंटे की तलाशी के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारी को कई दस्तावेज मिले हैं. यहां से अधिकारी को कई कागजात के साथ जाते हुए देखा गया है. एजेंसी, जो पहले से ही 9 अगस्त को अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के साथ बलात्कार-हत्या की जांच कर रही है. साथ ही पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच का काम भी CBI को सौंपा गया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कोई ठोस सबूत मिला है, एक सीबीआई अधिकारी ने जाते-जाते कहा, "बहुत कुछ मिला है." सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने मरीजों के प्रबंधन और देखभाल के लिए सामग्री की आपूर्ति में लगे लोगों के घरों और कार्यालयों की भी तलाशी ली है. संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं, जो बलात्कार-हत्या के मामले में केंद्रीय एजेंसी के निशाने पर हैं.
संदीप घोष से आज सुबह 8 बजे से सीबीआई ने फिर से पूछताछ की. पूछताछ में कम से कम सात सीबीआई अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जो बेलियाघाटा में उनके घर पर हुई. अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक और उप प्राचार्य संजय वशिष्ठ और संस्थान के फोरेंसिक-मेडिसिन विभाग के एक अन्य प्रोफेसर से भी पूछताछ की गई.
अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में सीबीआई ने घोष और तीन कोलकाता स्थित निजी संस्थाओं का नाम लिया है - मध्य झोरहाट, बनीपुर, हावड़ा के मां तारा ट्रेडर्स, बेलगाचिया और खामा लौहा का ईशान कैफे. उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाया गया है.
क्या है पूरा मामला
ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर पाया गया था और संजय रॉय को अगले दिन अरेस्ट कर लिया गया था.कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को देने का आदेश दिया था. सीबीआई ने 14 अगस्त को मामले की जांच शुरू की थी.
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