- कोलकाता में लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना को लेकर राजनीति तेज हो गई है.
- भाजपा ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की.
- पुलिस ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है.
- टीएमसी छात्र परिषद से जुड़ा मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा सहित 4 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
Kolkata Gangrape Case: कोलकाता में लॉ कॉलेज की स्टूडेंट के साथ हुई दरिंदगी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. भाजपा इस मामले में बंगाल की सत्ताधारी TMC पर हमलावर है. इस मामले का आरोपी TMC से जुड़ा है. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस चौतरफा घिरी है. दूसरी ओर इस मामले में टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी अपनी ही पार्टी पर भड़के नजर आ रहे हैं. शनिवार को इस मामले में कोलकाता में भाजपा ने प्रदर्शन भी किया. जिसमें कई बड़े नेता शामिल हुए. लॉ कॉलेज में कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को हिरासत में भी लिया गया. इस दौरान उन्होंने कहा, "यह पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का चेहरा है. ममता बनर्जी ने राज्य में लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है...पुलिस ने मुझे और अन्य कार्यकर्ताओं (भाजपा के) को गिरफ्तार कर लिया है."
कोलकाता के लॉ कॉलेज में गैंगरेप की घटना में अभी तक क्या कुछ हुआ, जानिए इस रिपोर्ट में.
कोलकाता पुलिस ने 5 सदस्यीय SIT का गठन किया
कोलकाता पुलिस ने लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ उसके सीनियरों द्वारा कथित सामूहिक बलात्कार की जांच के लिए शनिवार को पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पांच सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व सहायक आयुक्त स्तर के एक अधिकारी करेंगे. अधिकारी ने कहा, 'कथित अपराध की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की गई है. यह तुरंत अपनी जांच शुरू करेगी.'
25 जून को कॉलेज के गार्ड रूम में छात्रा के साथ रेप
दक्षिण कलकत्ता विधि महाविद्यालय की 24 वर्षीय छात्रा के साथ 25 जून को गार्ड रूम में संस्थान के एक पूर्व छात्र सहित तीन लोगों ने कथित तौर पर बलात्कार किया. उसकी शिकायत के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद को गिरफ्तार कर लिया. शनिवार सुबह कॉलेज के गार्ड को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
कोलकाता रेप केस का मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, जो टीएमसी छात्र परिषद से जुड़ा है.
भाजपा ने भी बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
इस मामले की जांच के लिए भाजपा ने भी एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है. इस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के संयोजक सत्यपाल सिंह ने कहा, "हम वहां जाना चाहते हैं. हम वहां जाकर पीड़िता से, उसके परिवार से मिलना चाहते हैं. वहां के पुलिस अधिकारियों ने क्या किया, कॉलेज का प्रशासन किस तरह का है, इन सब बातों पर हम चर्चा करके जांच समिति एक रिपोर्ट तैयार करके राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेगी.
भाजपा ने कहा- राज्य में कानून का डर खत्म हो चुका है
उन्होंने आगे कहा कि हमारी बेटियां जो वहां पढ़ने जाती हैं, उनके मां-बाप जो उन्हें पढ़ने भेजते हैं, वो कितना असुरक्षित महसूस करते हैं...पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, कानून का डर खत्म हो चुका है इसलिए इस तरह की घटना होती हैं...यह जांच का विषय है...हम मांग करते हैं कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बयान से भड़का माहौल
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने शुक्रवार लॉ कॉलेज में दुष्कर्म की घटना पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि अगर एक दोस्त ही अपने किसी दूसरे दोस्त के साथ रेप करे, तो क्या किया जा सकता है? उन्होंने ये भी कहा कि "अब हर समय किसी भी शैक्षणिक संस्थान में पुलिस को तैनात नहीं किया जा सकता."
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी.
वहीं, उनके इस बयान को लेकर जब विवाद बढ़ा, तो उन्होंने सफाई दी. कहा कि मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है. मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं कभी ऐसे अपराधों का समर्थक नहीं रहा हूं.
कल्याण बनर्जी के अंदर से इंसानियत खत्मः भाजपा नेता दिलीप घोष
भाजपा नेता दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल के लॉ कॉलेज में छात्रा संग हुई दुष्कर्म की घटना पर तृमणूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा कि कल्याण बनर्जी के अंदर अब इंसानियत खत्म हो चुकी है. वो एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. लेकिन, इस तरह का बयान दे रहे हैं, जिसे सभ्य समाज में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में प्रदेश में महिलाएं महफूज नहीं है. लेकिन, आपकी सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है.
दिलीप घोष बोले- कल्याण बनर्जी इस तरह का विवादित बयान कैसे दे सकते हैं?
सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए पूछा, " आखिर कब तक महिलाओं के साथ ज्यादती होगी और आपकी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहेगी? लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया. आखिर यह सब क्या हो रहा है? सरकार क्या हो रही है? आखिर कल्याण बनर्जी इस तरह का विवादित बयान कैसे दे सकते हैं? क्या उनकी पार्टी में महिला मोर्चा नहीं है. क्या उनकी पार्टी की महिला मोर्चा ने अब महिलाओं से जुड़े मुद्दे को उठाना बंद कर दिया है. इन लोगों को शर्म आनी चाहिए कि यह लोग महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं."
विवाद बढ़ने पर कल्याण बनर्जी के बयान से TMC ने किया किनारा
कल्याण बनर्जी के बयान पर विवाद बढ़ने के बाद पार्टी ने उनके बयान से खुद को अलग कर लिया. टीएमसी के आधिकारिक X हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा गया- साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए जघन्य अपराध के बारे में सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा ने जो टिप्पणी की है, वह उनके निजी बिचार है. पार्टी उनके बयानों की कड़ी निंदा करती है. महिलाओं के अपराध के प्रति हमारी नीति किसी प्रकार की सहिष्णुता नहीं रखने की है. हम इस अपराध में शामिल सभी लोगों के लिए कठोरतम सजा की मांग करते हैं.
अपनी ही पार्टी पर क्यों भड़के सांसद कल्याण बनर्जी?
पार्टी द्वारा आलोचना किए जाने के बाद कल्याण बनर्जी ने एक्स पर लिखा- मैं तृणमूल कांग्रेस द्वारा एक्स पर की गई पोस्ट से पूरी तरह से असहमत हूं. क्या पार्टी अप्रत्यक्ष रूप से उन नेताओं का समर्थन कर रही है जो इन अपराधियों को बचा रहे हैं? कल्याण बनर्जी ने आगे लिखा कि जब तक सीधे तौर पर जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक केवल अकादमिक बयानों से कोई वास्तविक बदलाव नहीं आएगा.
उन्होंने आगे लिखा कि इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि 2011 के बाद उभरे कुछ नेता खुद ऐसे अपराधों में सवालों के घेरे में हैं. मैं उन लोगों से भी खुद को स्पष्ट रूप से दूर रखना चाहता हूँ जो इन अपराधियों को प्रोत्साहित या संरक्षण दे रहे हैं. मेरे शब्दों और बयानों के पीछे के इरादे को सही मायने में समझने के लिए, एक निश्चित स्तर की नैतिक और बौद्धिक एकता की आवश्यकता है - जो दुर्भाग्य से गायब लगती है.
पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में क्या कुछ मिला?
25 जून को कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में कथित तौर पर बलात्कार की शिकार हुई 24 वर्षीय लॉ छात्रा की मेडिकल जांच में शारीरिक हमले के कई निशानों की पुष्टि हुई है. NDTV ने मेडिकल रिपोर्ट देखी है, जिसमें पीड़िता की गर्दन और छाती पर खरोंच के निशान बताए गए हैं. हालांकि, कोई बाहरी जननांग या ओरल चोट नहीं देखी गई, लेकिन डॉक्टरों ने फोरेंसिक पुष्टि होने तक यौन उत्पीड़न की संभावना से इनकार नहीं किया है.
यह जांच 26 जून को रात 10 बजे कोलकाता के नेशनल मेडिकल कॉलेज में की गई. इस प्रक्रिया के दौरान तीन स्वाब एकत्र किए गए और फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए. चिकित्सा प्रक्रिया के हिस्से के रूप में किए गए यूरीन प्रेग्नेंसी टेस्ट में निगेटिव रिजल्ट मिले.
फिलहाल इस मामले में पुलिस जांच के साथ-साथ राजनीति भी तेज हो चली है. दूसरी ओर पीड़िता और उसका परिवार खौफ में है. अब देखना है मामले में आगे क्या कुछ होता है?
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