सख़्त सुरक्षा इंतज़ामों, राजनीतिक हलचल और 15 अक्टूबर के विरोध प्रदर्शन की तैयारियों के बीच ग्वालियर की सिटी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (CSP) हिना खान अपने सुकून के पल लता मंगेशकर के सदाबहार गीतों में तलाश लेती हैं. हाल ही में ‘जय श्रीराम' का नारा लगने को लेकर चर्चा में आईं हिना खान न तो नाराज़ हैं, न ही सफाई देने के मूड में. वॉयरलेस की आवाज़ों और पुलिसकर्मियों के घेरे के बीच वो मुस्कराती हैं, उनका लहज़ा शांत है, बातों में सधी हुई दृढ़ता झलकती है. हाईकोर्ट के वकील और उनके समर्थकों ने उन पर सनातन विरोधी होने का जो आरोप लगाया, उस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गुस्सा नहीं आया, लेकिन हां, थोड़ा दुःख ज़रूर हुआ, हम सब इस देश में रहते हैं, हर किसी को अपनी बात कहने का हक है. मैं तो बस अपना फर्ज निभा रही थी. अगर भगवान का नाम लेने से माहौल शांत होता है तो मुझे लगता है, ये अच्छी बात है. यह विवाद 17 मई 2025 को तब शुरू हुआ जब ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर बहस बढ़ी और वकीलों के दो गुटों में झड़प हो गई. मामला बढ़ता गया और शहर में तनाव फैल गया. प्रशासन ने क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी शुरू कर दी.
हिना ने बताया पूरा वाकया
हिना बताती हैं कि मैं एक सीनियर वकील के घर के बाहर ड्यूटी पर थी .वहां सुंदरकांड के आयोजन की तैयारी हो रही थी, लेकिन कलेक्टर के आदेश के अनुसार बिना अनुमति कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता. मैंने सिर्फ़ वही समझाया कि अनुमति मिलते ही आयोजन किया जा सकता है. मैं बस यह सुनिश्चित कर रही थी कि सब कुछ नियमों के तहत हो.
जानें कौन हैं हिना खान
गुना जिले के एक साधारण परिवार में जन्मीं हिना खान के पिता सरकारी स्कूल के सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और मां गृहिणी. वह गर्व से बताती हैं कि मैं अरौन तहसील की रहने वाली हूं. स्कूलिंग के बाद मैंने फिजियोथेरेपी में स्नातक किया. फिर जीएसटी विभाग में असिस्टेंट कमर्शियल टैक्स ऑफिसर के रूप में काम किया, लेकिन जनता की सेवा सीधे तौर पर करने की इच्छा थी इसलिए सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. 2016 में मैंने एमपीपीएससी पास किया. उन्होंने 2018 में पुलिस सेवा जॉइन की और अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत जबलपुर से की, उसके बाद ग्वालियर में पदस्थ हुईं, जहां अब वो CSP के रूप में कार्यरत हैं. हिना ने मुस्कुराते हुए बताया कि मेरे परिवार में एक छोटा भाई, दो बहनें, भाभी और भतीजी हैं.
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पढ़ने और संगीत की शौकीन
हिना खान संगीत, पढ़ने और टीवी की बहुत शौकीन हैं. उन्होंने हंसते हुए बताया कि मुझे पढ़ना बहुत पसंद है और आजकल वेब सीरीज देखने का शौक लग गया है. ऐसी सीरीज जिनमें मजबूत किरदार हों और अच्छी कहानी हो, थ्रिलर सीरीज मुझे बहुत पसंद हैं. वो बताती हैं कि इस समय वो बिग बॉस देख रही हैं और ग्वालियर की तान्या मित्तल मेरी पसंदीदा प्रतिभागी हैं. वो खुद को बहुत अच्छे से पेश करती हैं, मुझे थ्रिलर शोज देखना भी अच्छा लगता है. संगीत के प्रति उनका लगाव गहरा है. उन्होंने कहा कि मुझे पुरानी कव्वाली, गीत और लता मंगेशकर के गाने बहुत पसंद हैं. लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो ना हो... ऐसे गाने मन को शांति देते हैं. कई बार जब मैं ड्यूटी पर निकलती हूं तो हेडफ़ोन साथ रखती हू और संगीत सुनती हूं. इससे मन को सुकून मिलता है.
सालों की सेवा के बाद भी उनकी सीखने की चाह कम नहीं हुई
हिना ने बताया कि मैं आगे पढ़ाई करना चाहती हूं और डिग्रियां लेना चाहती हूं. मुझे लिखने का भी शौक है. अगर मौका मिला तो ज़रूर लिखूंगी. अभी के लिए मैं अपने काम से खुश हू और अपने वरिष्ठों, टीम और जनता से मिले सहयोग के लिए आभारी हूं. राजनीतिक गर्मी और भावनाओं से भरे इस ग्वालियर शहर में सीएसपी हिना खान शांत शक्ति का चेहरा हैं. वो कानून को दृढ़ता से लागू करती हैं, पर सहानुभूति नहीं छोड़तीं. आलोचना को संतुलन से संभालती हैं और संगीत में अपना सुकून ढूंढ लेती हैं.